भारत के सीमा हैदर (Seema Haider) ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई है और कश्मीर में आतंक के खिलाफ बढ़ती आक्रोश की आवाज़ बुलंद की है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शहीद हुए सैनिकों को याद करते हुए, सीमा हैदर ने पाकिस्तान की हरकतों को लेकर गुस्से का इज़हार किया है और कहा है कि इन आतंकवादी हरकतों की वजह से वहां कोई रहना नहीं चाहता।
पाकिस्तान से आई सीमा हैदर ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी
पाकिस्तान से आई सीमा हैदर ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पाकिस्तान अपनी आतंकवादी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और हमारे देश के सैनिकों को शहीद किया है।सीमा हैदर ने आगे कहा कि पाकिस्तान में भारत के बारे में गलत कहा जाता है और यह बंद होना चाहिए। पाकिस्तान की तरफ से भारत में हो रही घटनाओं को भी बंद होना चाहिए। इसके साथ ही, सीमा ने शहीद सैनिकों को शायरी के जरिए श्रद्धांजलि दी।
पाकिस्तानी सीमा हैदर ने ये भी कहा कि वो मरकर भी अमर हो जाते हैं
पाकिस्तानी सीमा हैदर ने ये भी कहा कि वो मरकर भी अमर हो जाते हैं, भारत मां की गोद में सिर रखकर सो जाते हैं और जिस उम्र में तुम हसीनाओं के दुपट्टे में लिपटकर रहते हो वो उम्र में घर तिरंगे में लिपटकर आते हैं। जय श्री राम, हिंदुस्तान जिंदाबाद! यहां तक कि जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के कोकेरनाग में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन का आज छठा दिन है। 4 शूरवीरों की शहादत के बाद सुरक्षाबलों ने कम से कम 2 आतंकियों को चारों ओर से घेर लिया है और उनका अंत नजदीक है।गौरतलब है कि कोकरनाग में आतंकियों ने अपना ठिकाना बना रखा है और वहां पहाड़ियों में छिपे हुए हैं। इस अभियान में सेना और सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस तीनों लगी हुई हैं और आतंकियों के सफाए के लिए पैरा कमांडो को भी उतारा गया है।
सैनिकों के बलिदान का समर्थन करते हुए एकत्र भारत की ओर
आतंकियों के साथ हो रहे सुरक्षा ऑपरेशन के दौरान आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें UBGL, ग्रेनेड लॉन्चर, और IED शामिल हैं।जान लें कि शुक्रवार को आतंकियों ने गोलियां बरसाईं, जिसमें सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, और डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए। इसके बाद, एक और जवान का शव भी मिला, जो कर्नल मनप्रीत सिंह की टुकड़ी में शामिल था।जंगल में छिपे आतंकियों का किसी भी वक्त खात्मा तय है क्योंकि वो चारों ओर से घिर चुके हैं, और सुरक्षा बलों का अपना सार्थक प्रयास जारी है।इसके परिणामस्वरूप, जब हम ऐसे वीर सैनिकों की श्रद्धांजलि देते हैं, हमें उनके बलिदान को सराहना और सलाम करना चाहिए, और इन आतंकियों के खिलाफ हमारी महत्वपूर्ण समर्थन का इजहार करना चाहिए।धर्म, जाति, या देश का नाम न करके हमें एक जूझ के साथ एक समृद्ध और एकत्र भारत के दृढ़ नागरिक होने का वायदा करना है, ताकि हम अपने सैनिकों के साथ खड़े होकर आतंक को पूरी तरह से परास्त कर सकें।