इजरायल-हमास संघर्ष को लेकर बढ़ते तनाव के मध्य, ईरान समर्थित समूह ने इराक में कम-से-कम 12 बार और सीरिया में 4 बार अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों पर हमला किया है. इन हादसों में लगभग 21 अमेरिकी कर्मियों को चोटिल होने की खबर आईं है |
इस युद्ध के मैदान में अमेरिका का प्रवेश कदमों का सामना करना नई बात नहीं है, लेकिन इसके चलते उत्पन्न तनाव और तात्कालिक हमलों के प्रति चेतावनी से राजनीतिक दृष्टि से यह सबकुछ और भी गंभीर हो गया है. इरान के समर्थित समूहों द्वारा अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों पर किए गए हमलों का उत्तर अमेरिका द्वारा इस प्रकार के एयर स्ट्राइक्स से देखा गया है. इससे उत्पन्न तनाव के बीच, इजरायल और हमास के बीच हो रहे संघर्ष में भी वृद्धि हो रही है. इसे लेकर ईरान ने इसे एक चेतावनी के रूप में प्रस्तुत किया है. यह इस सबका प्रमाण है कि इस समय विश्व के कई हिस्सों में माहौल गर्म हो रहे हैं और यह सिर्फ एक क्षणिक घटना नहीं है.
इस मुद्दे को लेकर अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने खुलकर अपनी बात कही है और ईरान समर्थित हमलों को अस्वीकार्य घोषित किया है. उनका कहना है कि ये हमले खतरनाक हैं और इन्हें रोका जाना चाहिए. इसके बावजूद, इरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर गाजा के खिलाफ इजरायल की जवाबी कार्रवाई खत्म नहीं हुई तो इससे संयुक्त राज्य अमेरिका बच नहीं पाएगा.
ईरानी विदेश मंत्री ने मध्य पूर्व पर 193 सदस्यीय महासभा की एक बैठक में यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘मैं अमेरिकी राजनेताओं से, जो अब फिलिस्तीन में नरसंहार का प्रबंधन कर रहे हैं, स्पष्ट रूप से कहता हूं कि हम क्षेत्र में युद्ध के विस्तार का स्वागत नहीं करते हैं. लेकिन अगर गाजा में युद्ध जारी रहा, तो संयुक्त राज्य अमेरिका भी इस आग से बचेगे नहीं .’
यह सभी घटनाएँ दिखाती हैं कि व्यापक रूप से इस समय दुनिया में गहरे समर्थन और विरोध के बीच एक बड़ा खंडन हो रहा है. हमें इस स्थिति को सावधानीपूर्वक समझना और इस पर सही रूप से प्रतिक्रिया करना महत्वपूर्ण है, ताकि सामाजिक और राजनीतिक स्थितियों में सुरक्षिती बनी रहे.