मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ झारखंड में बढ़ते राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक उपचुनाव को रोकने के लिए चुनाव आयोग तक अपनी बात पहुंचाई है। उन्होंने इसके लिए मुंबई हाई कोर्ट के एक फैसले का सारांश देते हुए चुनाव की संभावना पर ब्रेक लगाया है।

निशिकांत दुबे ने चुनाव आयोग को एक पत्र भेजकर उपचुनाव की संभावना पर सवाल उठाया है। उनके अनुसार, मुंबई हाई कोर्ट के एक फैसले के आधार पर खाली कराई गई गांडेय सीट पर चुनाव होने में सम्भावना नहीं है। उन्होंने इस तरह का फैसला सख्ती से लेने की बात कही है, जिससे वह चुनाव को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ गहरे आरोप लगाए जा रहे हैं और इसके चलते राजनीतिक उतार-चढ़ाव हो रहा है। उनकी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा हो रही है, लेकिन सोरेन ने इसका खंडन किया है। इसके बावजूद, निशिकांत दुबे का उपचुनाव को रोकने का प्रयास राजनीतिक दलों के बीच एक नई कड़ी खींच रहा है।

भाजपा सांसद ने अपने पत्र में मुंबई हाई कोर्ट के फैसले का संक्षेप देते हुए यह भी बताया कि ऐसा होने पर उत्तराखंड में भी एक उपचुनाव को रोकने का प्रयास किया गया था। इससे साफ होता है कि निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर रखा है और उनका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में विघ्न डालना है।
इस घड़ी में, झारखंड में राजनीतिक स्थिति गरमाई जा रही है और उपचुनाव की संभावना का आलोचनात्मक मौद्रिक लगाने वाले दुबे का यह कदम इसे और बढ़ा सकता है। चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया और उनका निर्णय इस मुद्दे को और भी रोचक बना देगा।
इस विवाद में, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच तनातनी बढ़ रही है और यह नई राजनीतिक दिशा को दर्शाती है। इसके बारे में और जानकारी मिलते ही हम आपको सूचित करेंगे।