लखीसराय के रामभक्तों की खुशी और हृदयस्पर्शी भावना को देखकर हर कोई हैरान हो रहा है। झारखंड से निकलकर अयोध्या की ओर पैदल बढ़ रहे तीन रामभक्तों का भव्य स्वागत लखीसराय में हुआ है। इन युवकों के हाथों में राष्ट्रीय ध्वज और जय श्रीराम की पताका होती है, और वे जय श्रीराम के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इन रामभक्तों ने लगभग 900 किमी का पैदल सफर तय करके बिहार के लखीसराय से यात्रा शुरू की है, ताकि वे अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हो सकें।
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाली राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए देश-दुनिया के करोड़ों रामभक्त उत्साहित हैं और इसी उत्साह में झारखंड के ये तीनों रामभक्त भी अपनी हठभक्ति को दिखा रहे हैं। उनकी यात्रा को देखकर लोग हैरान रह जाते हैं और इस उत्साहबभरे सफर में वे सैकड़ों किलोमीटर की दूरी को पैदल तय करते हुए बिहार के लखीसराय तक पहुंच गए हैं।
लखीसराय में इन रामभक्तों का स्वागत बहुत ही भव्य रूप में किया गया है, जहां बड़हिया में लोगों ने उनका स्वागत करते हुए पुष्प वर्षा की। इस अद्भुत सफलता के साथ ये रामभक्त आगे बढ़ रहे हैं और अपने प्रिय भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अयोध्या की ओर बढ़ रहे हैं।
इसके अलावा, झारखंड की एक 85 वर्षीय रामभक्त बुजुर्ग महिला ने भी दिखाया है कि उम्र का कोई भी हाथीयार नहीं होता जब बात भगवान के भक्ति की हो। इस महिला ने तीन दशकों से जारी अपने मौन व्रत को तोड़ने का निर्णय लिया है, और उनके परिवार ने बताया कि इसका कारण है राम मंदिर की निर्माण की सच्चाई। इस बुजुर्ग महिला ने 1992 में बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने के दिन सरस्वती देवी को प्रतिज्ञा की थी कि वह तभी बोलेंगी जब राम मंदिर का उद्घाटन होगा। इसके बाद उन्होंने मौन व्रत में बनाए रखे रहने का निर्णय लिया था, लेकिन इस साल उन्होंने मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखने के लिए धनबाद से उत्तर प्रदेश के अयोध्या की यात्रा करने का निर्णय लिया है।
ये घटनाएं दिखाती हैं कि भगवान राम के प्रति लोगों का अदम्य भक्ति और उनके मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उनकी अद्वितीय श्रद्धाभक्ति।