रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पूरी दुनिया में एक समय पर यह आशंका थी कि कहीं यह संघर्ष परमाणु युद्ध की ओर न बढ़ जाए। कई राजनयिक और विशेषज्ञ मानते थे कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन अब, पुतिन ने एक स्पष्ट बयान देकर यह बता दिया है कि यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की उनकी कोई योजना नहीं है।
पुतिन का स्पष्ट बयान
सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के दौरान, एक रूसी विश्लेषक सर्गेई कारागानोव ने पुतिन से सीधे पूछा कि क्या रूस को यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना चाहिए। इस पर पुतिन ने साफ तौर पर कहा कि यूक्रेन में जीत हासिल करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है। पुतिन के इस बयान ने पश्चिमी देशों और वैश्विक समुदाय को राहत दी है। उनका यह कहना कि रूस अपनी रक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा, इस बात पर जोर देता है कि रूस किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेगा, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में ऐसा कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है।
परमाणु हथियारों का उपयोग कब?

पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस परमाणु हथियारों का उपयोग केवल असाधारण परिस्थितियों में ही करेगा। अगर देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा होता है, तो ही परमाणु हथियारों का इस्तेमाल संभव है। हालांकि, पुतिन ने कहा कि उन्हें फिलहाल ऐसी कोई परिस्थिति नहीं दिखती, जिसमें परमाणु हथियारों का उपयोग आवश्यक हो।
परमाणु सिद्धांत और परीक्षण
रूस के परमाणु सिद्धांत में बदलाव की संभावना पर पुतिन ने कहा कि वह इस पर विचार नहीं कर रहे हैं। हालांकि, अगर जरूरत पड़ी तो रूस परमाणु हथियार का परीक्षण कर सकता है, लेकिन वर्तमान में इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। यह बयान क्रेमलिन की ओर से परमाणु भय को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
यूक्रेन की प्रतिक्रिया

दूसरी ओर, यूक्रेन ने क्रीमिया सहित रूस के अन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन ने कसम खाई है कि वह अपने सभी क्षेत्रों से रूसी सेनाओं को खदेड़ देगा। इस संघर्ष ने क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और वैश्विक राजनीति में तनाव बढ़ा दिया है।
वैश्विक संदर्भ
रूसी और अमेरिकी राजनयिकों के अनुसार, यूक्रेन युद्ध अब अपने सबसे खतरनाक मोड़ की ओर बढ़ चुका है। दुनिया के लगभग 90% परमाणु हथियार रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास हैं। इस स्थिति ने वैश्विक नेताओं को चिंतित कर दिया है, क्योंकि एक परमाणु युद्ध के परिणामस्वरूप अकल्पनीय विनाश हो सकता है।

पुतिन का यह बयान कि रूस को यूक्रेन में जीत हासिल करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है, निश्चित रूप से एक राहत की बात है। इसने यह स्पष्ट कर दिया है कि मौजूदा संघर्ष परमाणु युद्ध की दिशा में नहीं बढ़ रहा है। हालांकि, यह जरूरी है कि वैश्विक समुदाय सतर्क रहे और तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करे। यूक्रेन और रूस दोनों को ही समझना चाहिए कि युद्ध का समाधान बातचीत और समझौते के माध्यम से ही संभव है। पुतिन का यह बयान इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है।
लेकिन यह भी सच है कि स्थिति अभी भी बहुत ही नाजुक है और किसी भी तरह की उकसावे वाली कार्रवाई से बचना जरूरी है। वैश्विक नेताओं को चाहिए कि वे इस संघर्ष को सुलझाने के लिए संयुक्त प्रयास करें ताकि दुनिया को एक सुरक्षित और स्थिर भविष्य मिल सके। पुतिन के बयान के बाद, उम्मीद की जा सकती है कि यूक्रेन युद्ध एक शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान की ओर बढ़ेगा।