राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो भी संविधान को बदलने की कोशिश करेगा, जनता उसकी आंखें निकाल लेगी। यह बयान भाजपा की राजनीतिक दलालों को सीधा निशाना बनाता है, जिनका उद्देश्य संविधान के मूल सिद्धांतों को बदलकर अपने स्वार्थ को पूरा करना है। यह बयान उन्होंने भाजपा की संविधान बदलने की योजनाओं के खिलाफ एक सख्त आपत्ति व्यक्त की है।
लालू प्रसाद यादव ने अपने बयान में उजागर किया कि भाजपा के नेता खुले में संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं, जो अत्यंत चिंताजनक है। वे बताते हैं कि संविधान को बदलने की यह कोशिश देश की जनता द्वारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और उन्हें इसका मूल्य चुकाना पड़ेगा। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि लालू प्रसाद यादव ने संविधान के सभी नागरिकों के अधिकारों की सख्त रक्षा की मांग की है।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और नरेंद्र मोदी को याद रखना चाहिए कि पहले मोहन भागवत ने रिजर्वेशन की समीक्षा करने की बात कही थी, और देश की जनता ने उनकी मंशा का जवाब दिया था। इससे स्पष्ट होता है कि लालू प्रसाद यादव ने संविधान के साथ खिलवाड़ करने के लिए खुलेआम बोले गए हैं और उन्हें इसका मूल्य चुकाना होगा।

इसके अलावा, उन्होंने तेजस्वी यादव के समर्थन में भी बयान दिया है, जिससे दिखता है कि राजद के नेता संविधान के मूल सिद्धांतों की पूरी तरह से समर्थन करते हैं। यह बयान उनकी राजनीतिक स्थिति और उनके स्थायित्व को मजबूत करता है। उन्होंने भाजपा के नेताओं की व्यक्तिगत हानिकारक योजनाओं का खुलेआम विरोध किया है और उन्हें जनता के लिए खतरनाक माना है।
संक्षेप में, लालू प्रसाद यादव के बयान से स्पष्ट होता है कि भाजपा की संविधान के साथ खिलवाड़ करने की योजनाओं को जनता नहीं मानती और उन्हें इसका सख्त जवाब देना होगा। इससे साफ होता है कि राजद के नेता संविधान के मूल सिद्धांतों की पूरी तरह से रक्षा करते हैं और उनके खिलाफ खुलेआम आपत्ति व्यक्त करते हैं। यह उनकी जनता के प्रति निष्ठा और संविधान के मूल अधिकारों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।