दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। हाल ही में हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर कड़े आरोप लगाए। उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल की राजनीतिक भूमिका, सीएम पद से इस्तीफा न देने का कारण और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी अपने विचार व्यक्त किए।

केजरीवाल ने अपने इंटरव्यू में यह दावा किया कि इस बार के चुनाव में बीजेपी हारने वाली है। उन्होंने कहा कि 4 जून को एनडीए की हार होगी और I.N.D.I.A गठबंधन की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव नरेंद्र मोदी फैक्टर पर नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जा रहा है, जो लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं। महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे इस चुनाव में प्रमुखता से उभर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने किसी भी भाषण में इन समस्याओं के समाधान पर बात नहीं की है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के भाषणों में केवल विपक्ष पर हमले और ताने होते हैं, जैसे शरद पवार को भटकती आत्मा कहना, उद्धव ठाकरे के बारे में अपमानजनक बातें करना। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस तरह की बातें एक प्रधानमंत्री के लायक हैं?

केजरीवाल ने बीजेपी की मुफ्त राशन योजना और आवास योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी का बेटा डिग्री लेकर घर पर बेरोजगार बैठा है, तो मुफ्त अनाज उसकी समस्याओं का समाधान नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अनाज सभी समस्याओं का हल नहीं हो सकता है, जैसे कि बच्चों की फीस भरना, सब्जियां खरीदना या कहीं आना-जाना। गैस, डीजल और किराना बिलों के बढ़ते हुए दामों के बीच मुफ्त अनाज से कोई बड़ी राहत नहीं मिलती है।
अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य के बारे में बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी पत्नी की कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है। वह सक्रिय राजनीति में नहीं रहना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि सुनीता केजरीवाल उनके जीवन में एक ठोस सहारा रही हैं और उनके जेल में रहते समय जनता और उनके बीच सेतु का काम किया।

सीएम पद से इस्तीफा न देने के बारे में केजरीवाल ने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य है कि वे इस्तीफा न दें। उन्होंने कहा कि बीजेपी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हरा नहीं पा रही है और इसलिए उन्हें जेल में डालने और इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की साजिश रची गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस साजिश में नहीं फंसेंगे और इस्तीफा नहीं देंगे। कानूनी स्थिति के मुताबिक, वह दोषी नहीं हैं और उनके खिलाफ कोई आदेश पारित नहीं किया गया है जिससे वह विधायक का चुनाव नहीं लड़ सकते।
केजरीवाल ने बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें 24 घंटे के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दी जाए, तो सभी बीजेपी नेता उनके पक्ष में होंगे। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने विपक्ष को पूरी तरह खत्म करने के लिए ईडी कानून बनाया है, जिसके तहत वे किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं और जमानत नहीं दी जाती है।

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग अब मोदी जी का है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी जी अपने मुख्य चुनाव आयुक्त, अपने न्यायाधीश और सभी एजेंसियों पर नियंत्रण चाहते हैं, जिससे पूरी तरह तानाशाही कायम हो जाएगी और बिना किसी सहारे के किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकेगा।
इस इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक दृष्टिकोण और विचारों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया। उनके दावे और आरोप भारतीय राजनीति में एक नई चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। चुनावी मैदान में उनके यह बयान बीजेपी और अन्य दलों के लिए नई चुनौतियों को जन्म दे सकते हैं। आने वाले समय में इन बयानों का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।