कन्हैया कुमार पर हुए हमले की खबर ने पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार पर शुक्रवार को हमला किया गया, जिसमें उन पर स्याही फेंकी गई और थप्पड़ मारा गया। इस हमले के बाद से हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि आखिर यह हमला किसने किया और क्यों किया।
हमलावर का नाम दक्ष चौधरी है, जिसने इस घटना के बाद एक वीडियो जारी कर इसका खुलासा किया। वीडियो में दक्ष चौधरी ने कहा, “जिस कन्हैया ने नारे लगाए थे ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’, ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं’, उनको हमने थप्पड़ मारकर सबक सिखाया है।” उसने यह भी कहा कि जब तक हमारे जैसे सनातनी जिंदा हैं, तब तक भारत के टुकड़े कोई नहीं कर सकता। दक्ष चौधरी के साथ एक और व्यक्ति भी था, जिसने वीडियो में कहा कि वे कन्हैया कुमार को दिल्ली में घुसने नहीं देंगे और भारतीय सैनिकों को रेपिस्ट कहने वाले का यही अंजाम होगा।
यह घटना उस समय घटी जब कन्हैया कुमार माला पहनाने के लिए खड़े थे। माला पहनाने के बहाने से आए दक्ष चौधरी ने पहले कन्हैया कुमार पर स्याही फेंकी और फिर थप्पड़ मार दिया। इस पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद कन्हैया कुमार के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने दक्ष चौधरी को बुरी तरह पीटा।
इस घटना के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भाजपा ने कन्हैया कुमार पर यह हमला करवाया है। कांग्रेस का कहना है कि जिस व्यक्ति ने कन्हैया कुमार पर हमला किया, उसकी तस्वीरें भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ देखी गई हैं। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि यह हमला भाजपा की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, ताकि कन्हैया कुमार को डराया जा सके और उनके चुनाव अभियान को बाधित किया जा सके।
दूसरी ओर, भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यह कांग्रेस की साजिश है ताकि वह भाजपा को बदनाम कर सके। भाजपा ने यह भी कहा कि कन्हैया कुमार के बयानों ने पहले ही देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया है और उनके बयानों के कारण लोग उनसे नाराज हैं।

यह पहली बार नहीं है जब कन्हैया कुमार पर इस तरह का हमला हुआ है। इससे पहले भी उन पर कई बार हमला हो चुका है, खासकर उनके विवादास्पद बयानों के बाद। कन्हैया कुमार, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं, ने अपने भाषणों और बयानों के कारण कई बार विवाद खड़े किए हैं।
कन्हैया कुमार का मुकाबला उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर भाजपा के दो बार के सांसद मनोज तिवारी से है। यह सीट दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक है और इस पर सभी राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं। कन्हैया कुमार ने अपने चुनाव प्रचार में समाजिक मुद्दों और बेरोजगारी जैसे विषयों को प्रमुखता से उठाया है।

दक्ष चौधरी के खिलाफ पहले भी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लग चुका है। इस हमले के बाद उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है। इस घटना ने न केवल कन्हैया कुमार के समर्थकों को हिला दिया है बल्कि पूरे देश में एक बार फिर से राजनीतिक हिंसा पर बहस छेड़ दी है।
यह देखना बाकी है कि इस घटना का चुनावी परिणामों पर क्या असर होगा और कन्हैया कुमार इस हमले के बाद अपने चुनाव प्रचार को कैसे जारी रखेंगे। लेकिन एक बात निश्चित है कि इस घटना ने राजनीति के स्तर को और भी नीचा कर दिया है और चुनावी माहौल को और भी अधिक गर्मा दिया है।