भारत के इतिहास में कारगिल विजय दिवस एक महत्वपूर्ण तिथि है। हर साल 26 जुलाई को देशभर में इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पर वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को हमारे जांबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विकास की दिशा में आ रही हर चुनौती को परास्त करने का संकल्प भी व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि शिनखुन ला टनल का काम शुरू हो गया है, जो दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी और लद्दाख को हर मौसम में देश के साथ जोड़कर रखेगी।
अग्निपथ योजना पर विचार
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में अग्निपथ योजना के विरोधियों पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि इस योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और युवा मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग सरकार पर पेंशन के पैसे बचाने के लिए यह योजना लाने का आरोप लगा रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि अग्निपथ योजना का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना और उन्हें युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है।
अग्निवीर योजना की आलोचना
प्रधानमंत्री मोदी ने अग्निवीर योजना की आलोचना करने वालों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों-करोड़ों के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सेना का मतलब उनके लिए नेताओं को सलाम करना और परेड करना नहीं है, बल्कि सेना का मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था और देश की सीमाओं की सुरक्षा की गारंटी है।
शिनखुन ला टनल का महत्व
प्रधानमंत्री ने शिनखुन ला टनल के निर्माण को लद्दाख के विकास और बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह टनल लद्दाख को हर मौसम में देश के साथ कनेक्टेड रखेगी और नई संभावनाओं का नया रास्ता खोलेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 5 वर्षों में लद्दाख के बजट को 1,100 करोड़ से बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे वहां के लोगों के विकास में और सुविधाओं में वृद्धि हो रही है।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक से पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए, उसे मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है और वह आतंकवाद के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे और आतंकवाद के सरपरस्तों को सीधे चेतावनी दी कि वे अपने इरादों में सफल नहीं होंगे।
कारगिल युद्ध की यादें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल युद्ध के दौरान अपने अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय वह एक सामान्य देशवासी के रूप में अपने सैनिकों के बीच थे और आज फिर से कारगिल की धरती पर आकर वह स्मृतियां ताजा हो गई हैं। उन्होंने उस समय की यादें ताजा करते हुए कहा कि भारतीय सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर और इतनी कठिन परिस्थितियों में युद्ध ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। प्रधानमंत्री ने देश को विजय दिलाने वाले सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्रास में दिए गए भाषण ने कारगिल विजय दिवस को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। उन्होंने न केवल वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि देश के विकास और सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए। आतंकवाद के खिलाफ उनकी सख्त नीति और अग्निपथ योजना की आलोचना का जवाब देने का उनका तरीका दर्शाता है कि देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य के प्रति वे कितने गंभीर हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि लद्दाख में विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। शिनखुन ला टनल जैसे परियोजनाओं के माध्यम से लद्दाख के लोगों के जीवन में सुधार लाने का उनका संकल्प लद्दाख के भविष्य के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा। कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संदेश देशवासियों के मनोबल को और ऊंचा करेगा और देश की एकता और अखंडता को मजबूत करेगा।