काश पटेल की नई किताब “गवर्नमेंट गैंगस्टर” ने एक नए आयाम में अमेरिकी सरकार में भ्रष्टाचार की खुलासा की है, जिसमें उन्होंने बाइडेन प्रशासन को घेरा है। यहां उन्होंने नौकरशाही के ऐसे हिस्से का जिक्र किया है जो कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं और जिन्हें इसमें गर्व महसूस हो रहा है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, इस नौकरशाही के एक हिस्से ने अमेरिकी व्याख्या के अनुसार कानूनों का उल्लंघन किया है, और यह बिना किसी जवाबदेही के हुआ है।
काश पटेल के अनुसार, यह नौकरशाही कानून तोड़ने में गर्व महसूस करते हैं और उन्हें खुद का राजी करने का हक है। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों की कोई जवाबदेही नहीं होती, और वे खुद को किसी से बाधित नहीं मानते। उन्होंने डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन सरकारों में काम करने का अनुभव साझा किया है, और उनकी रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि जब कभी डेमोक्रेट्स सरकार में आते हैं, तो कानून तोड़ने वालों की संख्या में इजाफा होता है।
काश पटेल ने अपनी किताब में इस नौकरशाही के तरीके को खुलासा किया है, और उनकी रिपोर्ट से साफ हो रहा है कि यह एक नई समस्या है जो उदाहरण के रूप में सामने आ रही है। इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कानूनी कदमों की आवश्यकता को बताया है ताकि ऐसी गतिविधियों का समापन हो सके।
इस किताब में वह भी आलेखित करते हैं कि बाइडेन प्रशासन में सरकारी गैंगस्टर्स की भरमार है और इससे भारत के साथ के रिश्तों में बुनियादी फर्क हो रहा है। उनके मुताबिक, ट्रंप प्रशासन में भारत के साथ के रिश्तों में मजबूती आई थी, जो मौजूदा बाइडेन प्रशासन में नजर नहीं आ रही है। उनका दावा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों को समझने में मौजूदा सरकार असफल रही है और इससे भारत के महत्व को समझने में कठिनाई हो रही है।
इस समय की राजनीतिक गतिविधियों के संदर्भ में यह किताब एक नए परिप्रेक्ष्य से देशों के राजनीतिक रूपरेखा को समझने में सहारा प्रदान कर सकती है। इसके माध्यम से, काश पटेल ने विभिन्न स्तरों पर कानूनी उल्लंघन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है।