जम्मू और कश्मीर की राजनीति में एक नया चेहरा उभरने जा रहा है, जिसका नाम है इल्तिजा मुफ्ती। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता और जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती, अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में बिजबिहारा सीट से चुनावी मैदान में उतरने जा रही हैं।
इल्तिजा मुफ्ती की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
इल्तिजा मुफ्ती का जन्म एक प्रमुख राजनीतिक परिवार में हुआ। उनके नाना मुफ्ती मोहम्मद सईद और मां महबूबा मुफ्ती जम्मू और कश्मीर की राजनीति के प्रतिष्ठित नाम रहे हैं। अपने परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि के बावजूद, इल्तिजा ने पहले राजनीति से दूरी बनाए रखी। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद ब्रिटेन की वारविक यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उनकी शिक्षा और विदेश में रहने के अनुभव ने उन्हें एक व्यापक दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय समझ प्रदान की।
राजनीति में प्रवेश की वजह: 2019 का ऐतिहासिक फैसला
इल्तिजा मुफ्ती का राजनीति में प्रवेश अचानक और अप्रत्याशित था। 5 अगस्त 2019 को भारतीय सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा दिया, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था। इस फैसले के बाद इल्तिजा की मां महबूबा मुफ्ती समेत कई प्रमुख कश्मीरी नेताओं को हिरासत में लिया गया। इस स्थिति ने इल्तिजा को मजबूर कर दिया कि वे राजनीति में कदम रखें और अपनी मां की विरासत को आगे बढ़ाएं।
जब महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया, तब इल्तिजा ने उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों की बागडोर संभाली। उन्होंने ट्विटर (अब X) पर सक्रियता से अपनी मां और पार्टी की आवाज को उठाया। इल्तिजा की सक्रियता ने उन्हें कश्मीर की जनता के बीच एक नई पहचान दी और वे घाटी की आवाज बनकर उभरीं।
चुनावी डेब्यू: बिजबिहारा सीट से उम्मीद
इल्तिजा मुफ्ती के चुनावी करियर की शुरुआत के लिए PDP ने बिजबिहारा सीट को चुना है। यह सीट मुफ्ती परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है। महबूबा मुफ्ती ने भी 1996 में इसी सीट से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। बिजबिहारा का चुनाव इल्तिजा के लिए न केवल एक सुरक्षित शुरुआत हो सकती है, बल्कि यह उनके राजनीतिक जीवन की दिशा भी तय कर सकता है।
मां की विरासत और नई चुनौतियां
महबूबा मुफ्ती ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने इसके पीछे अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर की राजनीतिक स्थिति को कारण बताया था। इस परिप्रेक्ष्य में, इल्तिजा का चुनावी मैदान में उतरना एक महत्वपूर्ण कदम है। वे न केवल अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं, बल्कि उन्हें घाटी के लोगों के बीच अपनी पहचान भी बनानी है।
जम्मू और कश्मीर में आगामी चुनाव
चुनाव आयोग ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा की है। घाटी में लगभग एक दशक बाद चुनाव होने जा रहे हैं, जो 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में होंगे। चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर 2024 को घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव में इल्तिजा मुफ्ती का प्रदर्शन केवल PDP के लिए ही नहीं, बल्कि कश्मीर की राजनीति के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
इल्तिजा मुफ्ती का राजनीति में प्रवेश और उनका चुनावी डेब्यू एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। उन्होंने अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए एक साहसिक कदम उठाया है। घाटी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और चुनौतियों के बीच, इल्तिजा मुफ्ती के इस निर्णय ने उन्हें कश्मीरी राजनीति में एक नए और संभावित शक्तिशाली नेता के रूप में उभारा है। आगामी चुनावों में उनका प्रदर्शन न केवल उनकी व्यक्तिगत क्षमता का प्रदर्शन करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि वे अपने परिवार की विरासत को कैसे आगे बढ़ाएंगी।