बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर (पीके) का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उनके राजनीतिक करियर ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बना दिया है, लेकिन हाल ही में उनकी पत्नी जाह्नवी दास भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। 25 अगस्त 2024 को पटना में आयोजित जन सुराज महिला सम्मेलन के दौरान प्रशांत किशोर ने अपनी पत्नी का जनता से परिचय करवाया, जिसके बाद से ही जाह्नवी दास का नाम सुर्खियों में है। आइए, जानते हैं कि आखिर कौन हैं जाह्नवी दास और कैसे वे प्रशांत किशोर के जीवन का हिस्सा बनीं।
प्रशांत किशोर: राजनीति के ‘पीके’ की कहानी
प्रशांत किशोर का पूरा नाम प्रशांत किशोर पांडे है। वे बिहार के रोहतास जिले के सासाराम के कोनार गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बक्सर में पूरी की। प्रशांत किशोर भारतीय राजनीति के सबसे प्रमुख रणनीतिकारों में से एक माने जाते हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के साथ लगभग 8 वर्षों तक सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में काम किया।
प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए एक रणनीतिकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। उन्होंने 2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने में मदद की, और इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP को पूर्ण बहुमत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने जेडीयू, कांग्रेस, आप, वाईएसआरसीपी, डीएमके और टीएमसी जैसे बड़े राजनीतिक दलों के लिए भी काम किया।
हालांकि, अब प्रशांत किशोर ने खुद की पार्टी, जन सुराज, बनाई है और वे बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आज़माने की तैयारी कर रहे हैं। इस राजनीतिक सफर में उनके साथ उनकी पत्नी जाह्नवी दास का समर्थन भी अहम है।
कौन हैं जाह्नवी दास?
जाह्नवी दास असम के गुवाहाटी की रहने वाली हैं और पेशे से डॉक्टर हैं। उनकी शिक्षा और पेशेवर जीवन में उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जाह्नवी दास और प्रशांत किशोर की पहली मुलाकात संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के एक हेल्थ प्रोग्राम के दौरान हुई थी, जहाँ दोनों ने साथ काम किया। इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच दोस्ती का रिश्ता बना और धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई।
प्यार से शादी तक का सफर
प्रशांत किशोर और जाह्नवी दास की मुलाकात यूएन के हेल्थ प्रोग्राम के दौरान हुई, और वहीं से उनके रिश्ते की शुरुआत हुई। दोनों ने साथ काम करते हुए एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझा और एक मजबूत बंधन बनाया। उनके बीच की समझदारी और एक-दूसरे के प्रति विश्वास ने इस रिश्ते को मजबूत किया। इसके बाद, दोनों ने अपने परिवारों की सहमति से शादी करने का निर्णय लिया।
जाह्नवी दास और प्रशांत किशोर का विवाह एक साधारण और निजी समारोह में हुआ था, जिसमें केवल करीबी दोस्त और परिवार के सदस्य ही शामिल थे। यह जोड़ी एक बेटे के माता-पिता भी हैं, जो उनके परिवार को पूरा करता है।
जाह्नवी दास का बिहार में प्रभाव
हाल ही में, बिहार की राजनीति में जाह्नवी दास का नाम उभरकर सामने आया है। जन सुराज महिला सम्मेलन में प्रशांत किशोर द्वारा अपनी पत्नी का परिचय करवाने के बाद जाह्नवी दास की चर्चा बिहार में जोर पकड़ रही है। उन्होंने इस आयोजन में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के बारे में भी अपने विचार साझा किए। यह साफ संकेत है कि जाह्नवी दास भी बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
प्रशांत किशोर और जाह्नवी दास की कहानी यह दर्शाती है कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में, चाहे वह राजनीति हो या चिकित्सा, समर्थन और समझदारी का कितना महत्व है। जहां प्रशांत किशोर भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बन चुके हैं, वहीं जाह्नवी दास ने भी अपने पेशेवर जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
आज, प्रशांत किशोर और जाह्नवी दास एक मजबूत जोड़ी के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं, जो न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा हैं। बिहार की राजनीति में उनकी भूमिका को लेकर अभी और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि इस जोड़ी ने मिलकर एक नया अध्याय लिखा है, जिसे लोग याद रखेंगे।