हिंदुजा परिवार विश्व के सबसे धनी और प्रतिष्ठित परिवारों में से एक है। इस परिवार का व्यापारिक साम्राज्य वैश्विक स्तर पर फैला हुआ है और यह परिवार ब्रिटेन का सबसे धनी परिवार माना जाता है। 1914 में परमानंद दीपचंद हिंदुजा द्वारा स्थापित इस व्यवसाय को उनके चार बेटों – श्रीचंद हिंदुजा, गोपीचंद हिंदुजा, प्रकाश हिंदुजा और अशोक हिंदुजा ने और भी बढ़ाया और इसका विस्तार किया। इनका व्यापार कमोडिटी ट्रेडिंग से शुरू होकर विभिन्न क्षेत्रों जैसे वित्त, मीडिया, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, बिजली, रियल एस्टेट और स्वास्थ्य सेवा तक फैला हुआ है।
स्विस अदालत का फैसला

हाल ही में, स्विटजरलैंड की एक अदालत ने हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को उनके नौकरों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण के मामले में सजा सुनाई है। इस मामले में प्रकाश हिंदुजा, उनकी पत्नी कमल हिंदुजा, उनके बेटे अजय हिंदुजा और उनकी बहू नम्रता हिंदुजा को दोषी ठहराया गया है। अदालत ने प्रकाश और कमल हिंदुजा को साढ़े चार साल जबकि अजय और नम्रता हिंदुजा को चार साल की सजा सुनाई है।
आरोप और अदालती कार्रवाई
अभियोजकों ने हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर आरोप लगाया कि उन्होंने भारत से नौकरों की तस्करी की और उनका शोषण किया। उन पर अपने नौकरों के पासपोर्ट जब्त करने और उन्हें बिना ओवरटाइम भुगतान के 16 घंटे से ज्यादा काम करने के लिए मजबूर करने का आरोप भी था। इस मामले में हिंदुजा परिवार के बिजनेस एडवाइजर नजीब जियाजी पर भी शोषण में शामिल होने का आरोप लगा था।
बचाव पक्ष की प्रतिक्रिया
हिंदुजा परिवार के वकीलों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वे इस फैसले से निराश हैं। वकील रोमेन जॉर्डन ने एक ईमेल बयान में कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दायर की है और उन्हें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।
हिंदुजा परिवार का इतिहास और व्यापारिक विस्तार

हिंदुजा परिवार का व्यापारिक इतिहास बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक है। परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 1914 में सिंध क्षेत्र (अब पाकिस्तान में) में कमोडिटी-ट्रेडिंग व्यवसाय की शुरुआत की। उनके चार बेटों ने इस व्यवसाय को बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। शुरुआत में, उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वितरित करने में सफलता प्राप्त की।
परिवार के भीतर विवाद

हिंदुजा परिवार के सबसे बड़े बेटे श्रीचंद हिंदुजा का 2023 में निधन हो गया। उनके निधन से पहले परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद भी हुआ था। श्रीचंद और उनकी बेटी वीनू के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर मतभेद थे। हालांकि, 2022 में परिवार ने आपसी मतभेदों को सुलझा लिया और एकजुट हो गए।
संपत्ति और व्यापार

हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति लगभग 14 बिलियन डॉलर है। यह परिवार वित्त, मीडिया, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, बिजली, रियल एस्टेट और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में सक्रिय है। इनके पास छह भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी है। फोर्ब्स के अनुमान के मुताबिक, हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति लगभग 20 बिलियन डॉलर है, जो उन्हें एशिया के शीर्ष 20 सबसे धनी परिवारों में शुमार करती है।
हिंदुजा परिवार की संपत्ति और व्यापारिक साम्राज्य की कहानी अत्यंत प्रभावशाली है। हालांकि, हाल के वर्षों में कानूनी विवादों और आरोपों ने उनकी प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है। स्विस अदालत का ताजा फैसला उनके लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ अपील की है और न्याय की उम्मीद जताई है। हिंदुजा परिवार का भविष्य इन कानूनी मामलों के परिणामों पर निर्भर करेगा, लेकिन उनकी व्यापारिक कुशलता और विस्तार की क्षमता को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वे इस चुनौती से उबर सकते हैं।
इस प्रकार, हिंदुजा परिवार की कहानी व्यापारिक सफलता, विवाद और कानूनी संघर्षों का मिश्रण है, जो एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे एक परिवार वैश्विक स्तर पर अपने व्यापारिक साम्राज्य को स्थापित और विस्तारित कर सकता है।