हाल ही में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। NIA ने खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के करीबी बलजीत सिंह उर्फ राणा भाई उर्फ बल्ली को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी खालिस्तानी आतंकी संगठनों के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है, जो भारत में आतंक फैलाने के लिए सक्रिय हैं।
बलजीत सिंह की गिरफ्तारी
बलजीत सिंह, जो मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले का निवासी है, को पंजाब से मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया गया। बलजीत सिंह पर आरोप है कि उसने खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह लांडा के लिए घातक हथियारों की सप्लाई की और जबरन वसूली की। बलजीत की गिरफ्तारी से उम्मीद है कि लखबीर सिंह लांडा के नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।
लखबीर सिंह लांडा का परिचय
लखबीर सिंह लांडा, जिसे मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी घोषित किया गया है, पंजाब के तरनतारन शहर का निवासी है। वर्तमान में वह कनाडा के अलबर्टा में छिपा हुआ है। लखबीर सिंह ने 2017 में भारत छोड़ दिया था और तब से वह कनाडा में रहकर खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
लखबीर सिंह पर आरोप और इनाम
लखबीर सिंह लांडा पर भारत सरकार ने 15 लाख का इनाम घोषित किया है। उसके खिलाफ 30 से ज्यादा केस दर्ज हैं, जिसमें आतंकवादी गतिविधियां, मर्डर और आर्म्स एक्ट शामिल हैं। लखबीर सिंह पाकिस्तान के नामी आतंकवादी हरविंदर सिंह के करीबी सहयोगियों में से एक है।
लखबीर सिंह की गतिविधियाँ
कनाडा जाकर लखबीर सिंह लांडा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ गया और भारत में आतंकी गतिविधियां अंजाम देने लगा। जुलाई 2011 में भारत के हरिके पत्तन शहर में लांडा के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धाराओं में मर्डर केस दर्ज हुआ। आखिरी केस उसके खिलाफ मोगा में दर्ज हुआ जब वह कनाडा भाग गया।
मोहाली और अमृतसर हमलों में भूमिका
लखबीर सिंह लांडा मोहाली में पंजाब पुलिस हेडक्वार्टर पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) हमले का मास्टरमाइंड भी है। इसके अलावा, अमृतसर में सब-इंस्पेक्टर की कार के नीचे IED इंप्लांट लगाने का मास्टरमाइंड भी लखबीर सिंह को ही बताया जा रहा है।
NIA की कार्रवाई
NIA ने 10 जुलाई 2023 को लखबीर सिंह लांडा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बलजीत सिंह को गिरफ्तार करने के बाद NIA को उम्मीद है कि लखबीर सिंह के नेटवर्क के बारे में और भी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी। बलजीत सिंह की गिरफ्तारी गुरप्रीत सिंह गोपी और सतनाम सिंह सत्ता की निशानदेही पर की गई।
बलजीत सिंह की भूमिका
बलजीत सिंह पर हथियारों की सप्लाई करके जबरन वसूली करने का आरोप है। उसने खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह लांडा के करीबी लोगों के लिए हथियार उपलब्ध कराए थे। बलजीत सिंह ने सतनाम सिंह सत्ता को भी हथियार उपलब्ध कराए थे, जिसके माध्यम से लांडा अपने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था।
आतंकवादी नेटवर्क की गिरफ़्तारी
बलजीत सिंह की गिरफ्तारी से खालिस्तानी आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। इससे पहले भी NIA ने कई आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया है, जिससे आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
लखबीर सिंह लांडा, जो कि खालिस्तानी आतंकी संगठन BKI से जुड़ा हुआ है, ने भारत में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए भारत सरकार ने 15 लाख का इनाम घोषित किया है। बलजीत सिंह की गिरफ्तारी से NIA को लखबीर सिंह के नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है, जिससे भारत में आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
इस मामले में NIA की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है। बलजीत सिंह की गिरफ्तारी से उम्मीद है कि लखबीर सिंह लांडा और उसके नेटवर्क के खिलाफ और भी महत्वपूर्ण कार्रवाई की जा सकेगी, जिससे देश में सुरक्षा और शांति बनी रहे।