आईएएस पूजा खेडेकर का नाम आजकल सुर्खियों में है। महाराष्ट्र कैडर की यह आईएएस अधिकारी 2023 बैच की हैं और उन पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा पास करने का आरोप है। पूजा खेडेकर का विवादों से नाता नया नहीं है, और इस समय वे अपनी लाइफस्टाइल और अपने ऊपर लगे आरोपों की वजह से चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। आइए, जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।
फर्जी सर्टिफिकेट से IAS की नौकरी
पूजा खेडेकर पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र जमा किए थे। यह भी कहा जा रहा है कि पूजा ने बार-बार मेडिकल टेस्ट करवाने से मना किया है। उनके दिव्यांगता सर्टिफिकेट पर पहले से ही सवाल उठाए गए थे और अब नए वीडियो और इंटरव्यू क्लिप्स के कारण यह मामला और भी तूल पकड़ रहा है।
महाराष्ट्र कैडर की IAS अधिकारी
पूजा खेडेकर महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और फिलहाल ट्रेनिंग अवधि में हैं। वे अक्सर विवादों में बनी रहती हैं और उन पर फर्जीवाड़े का आरोप लगना भी इन्हीं विवादों का हिस्सा है। उनके ऊपर लगे आरोपों के चलते उनकी पोस्टिंग पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
नया वीडियो और विवादित मॉक इंटरव्यू
हाल ही में एक मॉक इंटरव्यू क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें पूजा खेडेकर ओबीसी कोटे के इस्तेमाल को लेकर सवालों के घेरे में हैं। वीडियो में वे दावा कर रही हैं कि वे अपने पिता से अलग रहती हैं, जबकि उनके पिता अहमदनगर से वंचित बहुजन आघाड़ी के कैंडिडेट थे और उन्होंने 40 करोड़ की संपत्ति डिक्लेयर की थी। इस हलफनामे में कहीं भी बेटी या पत्नी के अलग रहने का जिक्र नहीं था।
VIP नंबर, चैंबर और घर की डिमांड
पूजा खेडेकर पहले भी अपनी पोस्टिंग के दौरान VIP नंबर, चैंबर और घर की डिमांड के चलते विवादों में रही हैं। उनकी यह मांग पूरी न होने पर उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया था। इसके अलावा, उन पर पुणे कलेक्टर के कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी की नेमप्लेट हटाने का भी आरोप लगाया गया था।
निजी ऑडी कार और VIP नंबर प्लेट
पूजा खेडेकर अपनी निजी ऑडी कार रखती थीं और उस पर लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करती थीं। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था। जब उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए एम्स दिल्ली जाने को कहा गया तो उन्होंने कोरोना का हवाला देते हुए वहां जाने से इनकार कर दिया।
पुणे से वाशिम भेजी गईं
शासन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 2023 बैच की आईएएस पूजा खेडेकर को अपने प्रशिक्षण के शेष कार्यकाल को पूरा करने के लिए वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया है। वे 30 जुलाई, 2025 तक अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में वहां काम करेंगी। पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे ने जो रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक, ड्यूटी शुरू करने से पहले भी, खेडेकर ने बार-बार एक अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक प्योन मांगा था, जो कि प्रोबेशन वाले अधिकारियों के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
आरोप और सस्पेंशन की संभावना
पूजा खेडेकर पर लगे आरोप और उनकी विवादित लाइफस्टाइल ने उन्हें एक बार फिर से विवादों के घेरे में ला दिया है। महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ जांच जारी है और उन्हें सस्पेंड किए जाने की भी संभावना है।
पूजा खेडेकर का मामला भारतीय प्रशासनिक सेवा के नियमों और मर्यादाओं के उल्लंघन का एक गंभीर उदाहरण बन चुका है। इस घटना ने न केवल प्रशासनिक सेवा की साख को धूमिल किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी नौकरियों में दाखिला पाने की कोशिशें कितनी खतरनाक हो सकती हैं। अब यह देखना होगा कि इस मामले में सरकार और संबंधित विभाग किस प्रकार की कार्रवाई करते हैं।