आज जंतर मंतर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र का ईडी अब एक नया हथियार है। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब का भी फंड रोका है। हम हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यों जाएं।
आज अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर करारा हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ईडी को हथियार की तरह उपयोग कर रही है। हम हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यों जाएं। बता दें कि केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने केंद्र सरकार के केरल के प्रति कथित भेदभाव के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी शामिल हुए।
केंद्र ने पंजाब का 8000 करोड़ रुपया रोका
इस दौरान जंतर मंतर से केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब का भी फंड रोका है। केंद्र ने पंजाब का 8 हजार करोड़ रुपया रोक रखा है। हम हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यों जाएं। दिल्ली के लोग 2 लाख करोड़ का इनकम टैक्स देते हैं। लेकिन 2 लाख करोड़ के बदले दिल्ली को 325 करोड़ ही मिलते हैं। इतना ही नहीं केजरीवाल ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ED को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। हेमंत सोरेन पर कुछ भी साबित हुए बिना ही जेल में डाल दिया। बता दें कि जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने किया और इसमें राज्य के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की भागीदारी रही।
मुझे भी कल वे जेल में डाल सकते हैं
केजरीवाल ने आगे कहा कि ईडी अब एक नया हथियार है। अभी तक किसी व्यक्ति पर दोष साबित होने के बाद ही उसे जेल भेजा जाता था। लेकिन अभी उन्होंने (BJP) तय ही किया है कि किसे जेल भेजना है, तो सोचिए कि उस पर कौन सा केस थोपा जाए। हेमंत सोरेन को तब जेल के अंदर कर दिया गया है, जब केस भी शुरू ही नहीं हुआ था। कल वे मुझे भी डाल सकते हैं, विजयन जी, स्टालिन साहब, सिद्धारमैया साहब जेल में और सरकार गिराओ।
राज्यों के संघ से राज्यों से ऊपर संघ में तब्दील हो रहा लोकतंत्र
इन विधायकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और बैनर दिखाए। जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सीएम विजयन ने कहा कि यह लड़ाई केंद्र-राज्य संबंधों में संतुलन बनाए रखने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि आज, हम भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक मोड़ पर हैं। एक लोकतंत्र जिसकी परिकल्पना ‘राज्यों के संघ’ के रूप में की गई थी, वह धीरे-धीरे और लगातार एक अलोकतांत्रिक ‘राज्यों के ऊपर संघ’ में तब्दील हो रहा है। हम देश भर में इसकी अभिव्यक्ति देख रहे हैं। विशेष रूप से विपक्ष शासित राज्यों में।
केरल के सीएम ने आगे कहा कि हम सभी इसके खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने और भारत के संघीय ढांचे को संरक्षित करने के लिए एक साथ आए हैं। आज हम एक नए सिरे से लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं जो राज्यों के साथ न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित करने की शुरुआत करेगी। यह लड़ाई भी प्रयास करेगी केंद्र-राज्य संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए। लिहाजा 8 फरवरी 2024, भारत गणराज्य के इतिहास में एक लाल अक्षर वाला दिन होने जा रहा है।