देशभर में कर्मचारियों में दिवाली की खुशी में और भी बढ़ी है, क्योंकि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। दिवाली से पहले ही सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को 1 महीने की सैलरी के बराबर बोनस देने का निर्णय लिया है। यह बोनस ग्रुप C और ग्रुप B कैटेगरीज के कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा।
केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय कर्मचारियों को मिला यह तोहफा नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस के रूप में जाना जाता है, जिसमें 30 दिनों की सैलरी के बराबर पैसा मिलता है। यह बोनस ग्रुप C और ग्रुप B कैटेगरीज के कर्मचारियों के लिए एक आनंदमय खुशी का स्रोत है।
इस तोहफे का फायदा ग्रुप B और C की श्रेणी में आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को होगा, जो किसी प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस स्कीम में नहीं शामिल होते। इससे ग्रुप C और ग्रुप B के कर्मचारियों को विशेष रूप से लाभ होगा और इससे उनकी दिवाली की खुशियों में और भी चार चाँद आएगा।
यह बोनस सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ही नहीं है, बल्कि इससे अस्थायी कर्मचारी भी बहुत दिनों बाद खुश हैं, और वे भी इस खास मौके पर बड़ी धूमधाम से अपनी खुशी मना रहे हैं। इस तरह सरकार ने कर्मचारियों को दिवाली के मौके पर एक और तोहफा दिया है, जो उनकी मेहनत और समर्पण का एक संदेश है। आप भी जाने इस नियम के बारे में |
कैसे तय होती है बोनस की रकम?
कर्मचारियों की ऐवरेज सैलरी के आधार पर बोनस की रकम तय की जाती है। इसमें गणना उच्चतम सीमा के अनुसार की जाती है और जो संख्या कम हो, वह रकम बोनस के रूप में जोड़ी जाती है। मासिक बोनस की रकम कर्मचारी की मासिक सैलरी के बराबर होती है, जिसे लगभग एक महीने की सैलरी के बराबर किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी 18000 रुपए है, तो उसका 30 दिनों का मासिक बोनस लगभग 17,763 रुपए होगा. इसमें कैलकुलेशन के हिसाब से 7000*30/30.4= 17,763.15 रुपए (17,763 रुपए) बनेगा. इस तरह के बोनस का फायदा, केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों को मिलेगा,जो कर्मचारी ग्रुप B और ग्रुप C के अंतरगर्त आते है तथा उनके लिए कुछ नियम लगाए गए है |
बोनस के लिए क्या हैं नियम?
1.विशेष केस:
* वे कर्मचारी जो 31 मार्च 2023 तक सर्विस में रहे हैं और उसके बाद भी बोनस के योग्य हैं।
* विशेष केस में, वे कर्मचारी जो अमान्य तरीके से मेडिकल आधार पर 31 मार्च से पहले रिटायर हो गए हैं, लेकिन उन्होंने वित्तीय वर्ष में कम से कम छह महीने तक नियमित ड्यूटी की है, उन्हें एडहॉक बोनस के योग्य माना जाएगा।
2. प्रो राटा बेसिस पर बोनस:
* नियमित सेवा की निकटवर्ती संख्या को आधार बनाकर ‘प्रो राटा बेसिस’ पर बोनस तय किया जाता है।
* उधार लेने वाले संगठन को जिम्मेदारी होती है कि वह एडहॉक बोनस, पीएलबी, एक्सग्रेसिया, और इंसेंटिव स्कीम आदि प्रदान करे, बशर्तें वहां ऐसे प्रावधान चलन में हों।
3. विदेशी सेवा से वापसी:
* यदि कोई कर्मचारी ‘C’ या इससे ऊपर के ग्रेड में है और उसे वित्तीय वर्ष के दौरान बीच में ही विदेश सेवा से वापस बुला लिया जाता है, तो उसको एडहॉक बोनस मिलेगा। इस स्थिति में, यदि कर्मी को रिटायर होने के बाद भी केंद्र सरकार की तरफ से बकाया बोनस होता है, तो उसपर प्रतिबंध लगा जा सकता है।