नजमा परवीन, भारतीय हिंदू विश्वविद्यालय की एक मुस्लिम छात्रा रिसर्च स्कॉलर हैं जिन्होंने अपने शोध का मुख्य विषय PM नरेंद्र मोदी को चुना है। इसका मुख्य उद्देश्य था 2014 के चुनावी नतीजों को गहराई से अध्ययन करना और PM मोदी के नेतृत्व की विश्लेषणात्मक अध्ययन करना।

नजमा परवीन वाराणसी के लल्लापुर इलाके की रहने वाली हैं और उनका संबंध एक आम बुनकर परिवार से है। उनके माता-पिता का साया पहले ही उनके ऊपर था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कठिनाईयों का सामना किया है। राजनीति शास्त्र की छात्रा बनकर उन्होंने अपने अद्भुत सोच और उद्दीपन के साथ मोदी के नेतृत्व में रुचि लेने का निर्णय किया।

नजमा परवीन ने बताया कि PM मोदी का व्यक्तित्व और उनके नेतृत्व का आकर्षण उन्हें प्रभावित करता रहा है। उनके अनुसार, मोदी ने सफलता के लिए वंशवाद और अधिनायकवाद के खिलाफ खड़ा होने का संकेत दिया है और वह भारतीय राजनीति में नए दिशानिर्देश स्थापित करने में सक्षम रहे हैं।
नजमा का कहना है कि मोदी की कामयाबी में तीन तलाक, मुस्लिम महिलाओं द्वारा पीएम को राखी भेजना, और बिना किसी भेदभाव के मुस्लिम युवाओं के हुनर को आगे बढ़ाना, सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांतों ने बदलाव की एक नई दृष्टिकोण प्रदान किया है।

नजमा ने अपने शोध में हिंदी और अंग्रेजी की 99 किताबें और 37 पत्र-पत्रिकाएं अध्ययन की हैं, जिससे उनके शोध को गहराई में जानने में मदद मिली है। इसके अलावा, उन्होंने PM मोदी के भाई और आरएसएस के इंद्रेश कुमार से भी मदद ली है।
नजमा परवीन का शोध PM मोदी के नेतृत्व में नए दृष्टिकोण और सोच को समझने में मदद कर सकता है और उसके नेतृत्व में हुई महत्वपूर्ण बदलावों को सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में स्थापित कर सकता है।