लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार की राजनीति में लगातार हलचल बनी हुई है। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया है। तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी से उनके 10 सालों के कार्यकाल का हिसाब मांगा और आरोप लगाया कि उन्होंने बिहार के विकास के लिए कुछ नहीं किया। तेजस्वी ने अपनी बात को और जोरदार बनाने के लिए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी बिहार लेकर आएं और चारों मिलकर चुनाव प्रचार करें।
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 साल का हिसाब लेकर आएं और बताएं कि उन्होंने देश की कौन सी समस्या को हल किया है। उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई को बढ़ा दिया। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया और बाढ़ के लिए विशेष पैकेज तक नहीं दिया।” तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में बाढ़ की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई और एक भी बार समय निकालकर इस मुद्दे पर मीटिंग नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में एक सुई का कारखाना तक प्रधानमंत्री ने नहीं खुलवाया।
तेजस्वी यादव का यह आरोप बिहार में लंबे समय से चली आ रही शिकायतों का प्रतीक है। बिहारवासियों की मुख्य समस्याओं में से एक बेरोजगारी है, जिसका सामना विशेषकर युवाओं को करना पड़ता है। तेजस्वी ने इसे अपने राजनीतिक मुद्दे के रूप में उठाते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार सृजन के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने महंगाई को भी एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए कहा कि आम आदमी की जिंदगी और भी मुश्किल हो गई है।
बाढ़ के मुद्दे पर तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के पास बिहार से 39 सांसद थे, लेकिन उन्होंने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बाढ़ की समस्या बिहार के कई जिलों में हर साल तबाही मचाती है, लेकिन इसके स्थायी समाधान के लिए कोई विशेष योजना नहीं बनाई गई। तेजस्वी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया।
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह हमेशा बेकार की बातें करते हैं और जनता की असली समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी के भाषणों का अब जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और लोग अब भाजपा को हटाना चाहते हैं। इस दौरान तेजस्वी ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप, व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन को भी बिहार लेकर आएं और मिलकर चुनाव प्रचार करें।”
तेजस्वी यादव का यह बयान उनके राजनीतिक विरोध को प्रदर्शित करता है, जो प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की नीतियों से असंतुष्ट हैं। तेजस्वी का कहना है कि भाजपा अब घबराई हुई है और उनका पतन शुरू हो गया है।
तेजस्वी का यह बयान उस समय आया है जब देश के आठ राज्यों की 49 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। छठे चरण का मतदान 25 मई को होना है और चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। ऐसे में तेजस्वी यादव का प्रधानमंत्री पर यह तीखा हमला भाजपा के खिलाफ उनके रणनीतिकारों का एक हिस्सा हो सकता है, ताकि विपक्ष की एकता को मजबूत किया जा सके और भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार किया जा सके।
तेजस्वी यादव ने अपनी बात को जोरदार तरीके से रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के 10 सालों के कार्यकाल की विफलताओं को गिनाया और जनता से अपील की कि वे इस बार बदलाव के लिए वोट करें। उनका यह बयान बिहार की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म देगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा इसके जवाब में क्या कदम उठाते हैं।
इस तरह के बयानों से स्पष्ट होता है कि बिहार में चुनावी माहौल गर्म है और विपक्ष भाजपा पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बिहार की जनता किस दिशा में जाती है और चुनाव परिणाम किसे समर्थन देते हैं।