कुपवाड़ा जिले के त्रेहगाम इलाके में शनिवार की सुबह एक और मुठभेड़ हुई जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई इस भिड़ंत में चार जवान घायल हो गए जबकि एक जवान ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। वहीं, इस मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकी को भी मार गिराया गया।
मुठभेड़ की स्थिति

अधिकारियों के अनुसार, यह मुठभेड़ शनिवार, 27 जुलाई की सुबह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास वन क्षेत्रों में हुई। यह मुठभेड़ पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) के साथ हुई। भारतीय सेना ने इस कार्रवाई में 3-4 पाकिस्तानी आतंकियों को एलओसी पार करने से रोका। भारतीय सेना की इस प्रतिक्रिया में एक पाकिस्तानी आतंकी मारा गया, जबकि चार जवान घायल हो गए और एक जवान शहीद हो गया।
शहीद जवान की वीरगाथा

शहीद जवान का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन उनकी वीरता और बलिदान को पूरा देश सलाम करता है। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर अपने देश की रक्षा की। यह जवान भारतीय सेना के उन वीर सपूतों में से एक थे जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
घायल जवानों का इलाज

घायल जवानों को तुरंत इलाज के लिए सेना के अस्पताल में ले जाया गया है। उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है, और डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल में लगी हुई है। भारतीय सेना ने इस मुठभेड़ में अपनी वीरता का परिचय देते हुए आतंकवादियों की घुसपैठ को नाकाम किया है।
हाल में बढ़ी आतंकी गतिविधियां
जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है। हाल ही में एक तीर्थयात्री बस पर हुए हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 40 लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा, अक्टूबर 2021 में पुंछ और राजौरी जिलों में भी आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई थी। वहीं, रियासी, कठुआ और डोडा में भी आतंकी घटनाएं बढ़ रही हैं। 2021 के बाद से जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं में 50 से अधिक सुरक्षाकर्मियों सहित 70 से अधिक लोग मारे गए हैं।
आतंकवाद का बदलता चेहरा

बढ़ती आतंकी गतिविधियों ने सुरक्षा बलों के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) और अन्य आतंकी संगठनों ने अपने हमलों में तेजी लाई है, जिससे भारतीय सुरक्षा बलों को हर समय सतर्क रहना पड़ता है। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य इलाके में अशांति फैलाना और सुरक्षा बलों को कमजोर करना है।
भारतीय सेना की प्रतिक्रिया

भारतीय सेना ने इन आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सेना की तत्परता और वीरता के कारण ही कई बड़े हमले नाकाम किए जा सके हैं। सेना ने एलओसी पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है और लगातार गश्त कर रही है ताकि आतंकवादियों की घुसपैठ को रोका जा सके।
स्थानीय लोगों की भूमिका
स्थानीय लोगों की भूमिका भी आतंकवाद को खत्म करने में महत्वपूर्ण है। कई बार स्थानीय निवासियों की सतर्कता और सूचना से सुरक्षा बलों को समय पर कार्रवाई करने में मदद मिली है। इस तरह की सहयोगात्मक कार्रवाई से आतंकवादियों को पकड़ने और उनकी योजनाओं को विफल करने में मदद मिलती है।
आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष

आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में भारतीय सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस की संयुक्त कोशिशें रंग ला रही हैं। हालांकि, यह संघर्ष लंबा और कठिन है, लेकिन सुरक्षा बलों की दृढ़ता और संकल्प से आतंकवाद पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
कुपवाड़ा में हुई इस मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय सेना देश की सुरक्षा के लिए हर समय तैयार है। शहीद जवान की वीरता और घायल जवानों की साहसिकता ने पूरे देश को गर्वित किया है। आतंकवाद के खिलाफ इस संघर्ष में हमें अपने सुरक्षा बलों का समर्थन करना चाहिए और उनकी वीरता को सलाम करना चाहिए। इन घटनाओं से यह भी स्पष्ट होता है कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए हमें सतर्क और संगठित रहना होगा।