कांग्रेस पार्टी ने आगामी संसद सत्र को लेकर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस बार का सत्र बेहद गर्म रहने वाला है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, सदन का तापमान जबरदस्त बढ़ने वाला है।” कांग्रेस ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब संसद सत्र शुरू होने वाला है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भूमिका

कांग्रेस ने कहा कि जिस सदन में सरकार पहले राहुल गांधी को ही नहीं संभाल पा रही थी, अब उसी सदन में प्रियंका गांधी भी आ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन के बड़े-बड़े प्रबल नेता और प्रखर वक्ता भी इस बार सदन में होंगे। कांग्रेस का मानना है कि इससे सदन की कार्यवाही और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी और सरकार को जवाबदेही के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव पर कांग्रेस का रुख

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अब कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्पीकर कौन बने और डिप्टी स्पीकर कौन बने। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार अब सदन को तानाशाही तरीके से नहीं चला पाएगी जैसे पहले चलाया जाता था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के 14 मिनट के वक्तव्य में 11 मिनट तक स्पीकर का न दिखना इस बात का प्रमाण है कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
रेलवे सुरक्षा पर सवाल
कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया कि देश में लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं के बीच रेलवे की सुरक्षा को लेकर क्या बदलाव किए गए हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि वर्ष 2014 से 2023 तक 1,017 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, जो इस बात का संकेत हैं कि हर महीने औसतन 11 रेल दुर्घटनाएं और हर तीसरे दिन एक रेल दुर्घटना हो रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं है।
रेल मंत्री की प्राथमिकताएं

सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार पर आरोप लगाया कि रेल मंत्री के पास रेलवे के अलावा कई अन्य विभागों का कार्यभार है, जिसमें आईटी, इलेक्ट्रॉनिक, सूचना एवं प्रसारण और महाराष्ट्र का प्रभार भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इतने सारे विभागों के बीच रेल मंत्री रेलवे की देखभाल कब करेंगे। इससे यह स्पष्ट है कि रेलवे सरकार की प्राथमिकताओं में नहीं है।
हाल की रेल दुर्घटनाओं पर सरकार को घेरा
कांग्रेस प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह दुर्घटनाएं केंद्र सरकार की रेल के प्रति जवाबदेही और लोगों की सुरक्षा के प्रति सरकार के रवैए को दिखाती हैं। उन्होंने याद दिलाया कि करीब एक साल पहले ओडिशा में बड़ा रेल हादसा हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। लेकिन, सरकार ने उस हादसे से कोई सबक नहीं लिया और यही कारण है कि अब पश्चिम बंगाल में एक और रेल हादसा हुआ है।
सरकार की नीति और जवाबदेही

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों में जनता की सुरक्षा और सुविधा प्राथमिकता में नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे सरकार की प्राथमिकता में होती तो इतने सारे हादसे नहीं होते। उन्होंने कहा कि सरकार को अब इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और रेलवे सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने आगामी संसद सत्र को लेकर सरकार को कड़ी चुनौती दी है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने रेलवे सुरक्षा, सरकार की नीतियों और संसद की कार्यवाही में पारदर्शिता की कमी पर जोर देकर सरकार को जवाबदेही के लिए मजबूर किया है। कांग्रेस के इन बयानों से यह स्पष्ट है कि आगामी संसद सत्र में गरमागरमी बढ़ने वाली है और सरकार को कड़े सवालों का सामना करना पड़ेगा।