कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड में 45 भारतीय मजदूरों की दुखद मृत्यु ने पूरे भारत को शोक में डुबो दिया है। इन मजदूरों के पार्थिव शरीरों को इंडियन एयरफोर्स के विशेष विमान द्वारा कुवैत से केरल के एर्नाकुलम शहर में लाया गया। इस दुखद घटना ने केवल मृतकों के परिवारों को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गहरे दुख में डाल दिया है।
अग्निकांड का विवरण
गुरुवार को कुवैत के मंगफ इलाके में स्थित एक बिल्डिंग में भयंकर आग लग गई, जिसमें 49 लोग अपनी जान गंवा बैठे। इनमें 45 भारतीय मजदूर शामिल थे। इस घटना में 49 लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जिनमें से कई की हालत नाजुक है। आग लगने की वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है, लेकिन प्रारंभिक जांच में बिजली के शॉर्ट सर्किट को आग का कारण बताया जा रहा है।
पार्थिव शरीरों का आगमन
शुक्रवार को इंडियन एयरफोर्स का विशेष विमान इन 45 भारतीय मजदूरों के पार्थिव शरीरों को लेकर कुवैत से एर्नाकुलम पहुंचा। इस विमान में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी मौजूद थे। एर्नाकुलम एयरपोर्ट पर शवों को श्रद्धांजलि दी गई, जिसके बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया। शाम 4 बजे तक इस विमान को दिल्ली लाया जाएगा, जहां अन्य राज्यों के मजदूरों के शवों को उनके गृह राज्यों में भेजा जाएगा।
केरल के लोगों का शोक
इस दुखद घटना पर केरल के लोगों में गहरा शोक व्याप्त है। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा, “यह हमारी व्यक्तिगत क्षति है। मृतक के परिजनों समेत केरल के सभी लोग इस घटना से दुखी हैं। भारत अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह से निभाएगा, क्योंकि हमने हादसे की खबर मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी थी। भारत सरकार उचित कार्रवाई कर पीड़ित परिजनों को उचित राहत एवं सहायता प्रदान करेगी।”
सरकार का सहयोग और समर्थन
घटना के कुछ घंटों बाद ही भारतीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह कुवैत पहुंचे थे। उन्होंने कुवैत अधिकारियों के साथ तालमेल बढ़ाकर शवों को जल्द ही भारत लाने के प्रयास किए। उन्होंने पीड़ित घायलों से मुलाकात की और हादसे वाली जगह का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित और मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
मृतकों की संख्या और उनकी पहचान
आगजनी में जान गंवाने वाले भारतीय मजदूरों में से 23 केरल से थे, जबकि 7 तमिलनाडु से, 2-2 आंध्र प्रदेश और ओडिशा से थे। बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, झारखंड और उत्तर प्रदेश से 1-1 मजदूरों की हादसे में जान गई है। इन मजदूरों की पहचान और उनके परिजनों को सूचना देने का कार्य भी तेजी से किया गया।
NBTC कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुड़ा हादसा
अग्निकांड में जान गंवाने वाले मजदूर कुवैत की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी NBTC में काम करते थे। जांच के दौरान पता चला कि जिस बिल्डिंग में आग लगी थी, वह बिल्डिंग भी NBTC की ही थी। इनमें से कई भारतीय मजदूर हाल ही में काम के लिए कुवैत आये थे, जबकि कई दशकों से कुवैत में रहकर काम कर रहे थे। यह घटना उन मजदूरों के परिवारों के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने अपनों को खो दिया है।
अंतिम संस्कार और सम्मान
एर्नाकुलम में शवों को पहुंचाने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया। इन मजदूरों का अंतिम संस्कार उनके गृह राज्यों में होगा। सरकार ने आश्वासन दिया है कि मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी और उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
कुवैत में हुए इस भीषण अग्निकांड ने कई परिवारों को शोक में डाल दिया है। भारत सरकार और केरल के प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई कर पीड़ित परिवारों को सहायता प्रदान की है। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि विदेशी धरती पर काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना कितना महत्वपूर्ण है। इस घटना से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए उचित उपाय अपनाए जाने चाहिए। मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए, हम उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे इस कठिन समय में मजबूती से खड़े रहेंगे।