नकबा, जिसे अरबी में ‘विनाश’ कहा जाता है, फलस्तीन-इजरायल संघर्ष के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण शब्द है। इसका अर्थ है उन घटनाओं का विवेचन जब 1948 में इजरायल का गठन हुआ और उससे जुड़े युद्धों के दौरान लाखों फलस्तीनी अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हुए। इस घटना का नाम ‘नकबा’ इसलिए है क्योंकि यह फलस्तीनी समुदाय के लिए एक नाशनीय हादसा था।
नकबा का संबंध प्रथम विश्व युद्ध के बाद बनी ‘बाल्फोर डिक्लेरेशन’ से है, जिसमें ब्रिटेन ने वादा किया कि फलस्तीन को बांटकर इसे यहूदी और अरब राज्यों में विभाजित किया जाएगा। यह घटना 1948 में हुई जब इजरायल का गठन हुआ और उसके पश्चात् उत्तरी गाजा में रहने वाले फलस्तीनी लोगों को दक्षिण की ओर जाना पड़ा। इस घटना को कुछ लोग ‘दूसरा नकबा’ कह रहे हैं जिसमें फलस्तीनी लोगों को फिर से बाघबन्धन में फंसने की स्थिति है।
नकबा का पहला इतिहासिक घटना 1948 में हुई जब इजरायल का गठन हुआ और उससे जुड़े युद्धों में लाखों फलस्तीनी अपने घरों को छोड़कर भाग गए। इस दिन को हर साल 15 मई को ‘नकबा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। पहले नकबा के बाद, बहुत अधिक फलस्तीनी लोगों ने उनके घर वापस नहीं जाने का फैसला किया और उत्तरी गाजा में रहने का नाम लिया।
नकबा का मतलब ‘विनाश’ है, और इस दिन को फलस्तीनियों ने अपने इतिहास में एक दुखद परिघटना के रूप में देखा है। इस दिन को याद करने के लिए इसे ‘नकबा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और फलस्तीनी लोग इसे प्रतिवर्ष याद करते हैं।