मालदीव से भारतीय सैनिकों के वापस बुलाए जाने के मुद्दे पर भारत और मालदीव के बीच बातचीत जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के साथ दुबई में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की है। इस बारहमासा में, भारतीय सैनिकों की मौजूदगी के लिए बनाए रखने के लिए दोनों देशों ने एक सहमति जताई है।
मालदीव के राष्ट्रपति ने मीडिया से इस मुद्दे पर कहा कि भारत ने उनकी इच्छा को सुना और भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने की स्वीकृति दी है। इसके पहले, भारतीय प्रधानमंत्री और मालदीव के राष्ट्रपति ने दुबई में हुए सम्मेलन के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की थी।
दोनों देशों ने द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की और एक सहमति जताई कि दोनों देश एक कोर समूह गठित करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में विस्तृत विवरण बचाओं में उपलब्ध होगा।
मालदीव, जो हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसी है, ने इस मुद्दे को स्वीकृति देने के बाद भारतीय सैनिकों की मौजूदगी से मिलने वाले लाभ को स्वीकार किया है।
मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु, जिन्हें चीन समर्थक माना जाता है, ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही भारतीय सैनिकों की वापसी का आह्वान किया था। उन्होंने बताया कि इससे मालदीव को बेहतर सुरक्षा की जरूरत है और इससे सामुदायिक सुरक्षा में सहायक हो सकता है।
भारत ने मालदीव को राहत और बचाव कार्यों और मेडिकल इमर्जेंसी के लिए हेलिकॉप्टर और छोटा विमान तोहफे में दिया है। इसके बाद भी, बीबीसी के मुताबिक मालदीव के सुरक्षा बलों के अनुसार, इन हेलिकॉप्टरों और विमान के संचालन के लिए क़रीब 75 भारतीय सैनिक मालदीव में मौजूद हैं।