रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने संकेत दिया है कि युद्ध को समाप्त करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जा रही है। यह योजना न केवल यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे दुनिया के अधिकांश लोगों का समर्थन भी मिलेगा।
ज़ेलेंस्की का कूटनीतिक रास्ता
कीव में स्लोवेनियाई राष्ट्रपति नतासा पिर्क मुसर के साथ एक बैठक के दौरान ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक रास्ता अपना रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में रूस और यूक्रेन के बीच कोई मौजूदा बातचीत नहीं हो रही है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, शांति समझौते की संभावनाओं पर जब भी बात होती है, दोनों पक्ष एक-दूसरे से दूर दिखाई देते हैं।
यूक्रेन की स्थिति

यूक्रेन ने बार-बार जोर देकर कहा है कि रूस को अपने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुला लेना चाहिए। इसमें क्रीमिया प्रायद्वीप भी शामिल है, जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था। ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट किया है कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करना उनकी प्राथमिकता है और किसी भी समझौते में यह बात शामिल होनी चाहिए।
पुतिन की मांगें
दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि यूक्रेन को अपने पूर्व और दक्षिण के क्षेत्रों को खाली करके प्रभावी ढंग से आत्मसमर्पण करना चाहिए। इन क्षेत्रों पर वर्तमान में रूस का कब्जा है और पुतिन इन्हें रूस का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। यह मांग यूक्रेन के लिए अस्वीकार्य है और यही कारण है कि शांति वार्ता में कठिनाई हो रही है।
स्विट्जरलैंड में शिखर सम्मेलन

इस महीने की शुरुआत में, यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने स्विट्जरलैंड में एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन की स्थिति के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना था। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस शिखर सम्मेलन में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, 90 से अधिक देशों ने इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में अपने नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा। अधिकांश देशों ने अंतिम विज्ञप्ति पर सहमति व्यक्त की, जिसमें यूक्रेन की “क्षेत्रीय अखंडता” का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। यह अंतरराष्ट्रीय समर्थन ज़ेलेंस्की की योजना के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रूस पर दबाव बनाने में मदद कर सकता है।
युद्ध की वर्तमान स्थिति

रूस की सेना धीरे-धीरे यूक्रेन के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है और हाल ही में एक और छोटे फ्रंट-लाइन गांव पर कब्जा करने का दावा किया है। वर्तमान में रूस का यूक्रेन के लगभग 25 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है। इस क्षेत्रीय कब्जे को देखते हुए, शांति वार्ता में किसी भी समझौते पर पहुंचना चुनौतीपूर्ण होगा।
संभावनाएँ और चुनौतियाँ
ज़ेलेंस्की के बयान ने युद्ध के समाप्त होने की संभावनाओं को फिर से जीवित कर दिया है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि रूस इस योजना पर क्या प्रतिक्रिया देता है। पुतिन की मांगें और यूक्रेन की स्थिति के बीच का अंतर बहुत बड़ा है। ऐसे में दोनों पक्षों को एक संतुलित और व्यावहारिक समाधान पर पहुंचने के लिए गंभीर और ईमानदार वार्ता की आवश्यकता होगी।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी एक बड़ा संकट है। ज़ेलेंस्की के हालिया बयान ने युद्ध समाप्त होने की उम्मीदों को बढ़ाया है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब दोनों पक्षों के बीच समझौता हो सके।
ज़ेलेंस्की की योजना और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के बावजूद, युद्ध को समाप्त करने के लिए एक दीर्घकालिक और स्थायी समाधान की आवश्यकता है। इसमें दोनों पक्षों को अपनी स्थितियों में कुछ लचीलापन दिखाना होगा और आपसी विश्वास बहाल करना होगा। यह एक कठिन और समय-साध्य प्रक्रिया होगी, लेकिन शांति की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
इस प्रकार, रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए ज़ेलेंस्की की योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, लेकिन इसका सफल होना पुतिन की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन पर निर्भर करेगा। दोनों पक्षों को अपने मतभेदों को दूर करने और एक स्थायी शांति समाधान की ओर बढ़ने के लिए तैयार रहना होगा।