भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में इतिहास रच दिया है। क्वॉर्टर-फाइनल में चाइनीज़ ताइपे के चू टिन चेन को हराकर वे ओलंपिक्स के बैडमिंटन सेमी-फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बन गए हैं। यह उपलब्धि भारतीय खेल इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।
लक्ष्य सेन का क्वॉर्टर-फाइनल मैच
लक्ष्य सेन का क्वॉर्टर-फाइनल मैच तीन सेट्स तक चला, जिसमें पहला सेट वे 19-21 से हार गए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे तथा तीसरे सेट्स में शानदार खेल दिखाते हुए 21-15 और 21-12 से जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही लक्ष्य अब अपने पहले ही ओलंपिक्स में मेडल जीतने से बस एक जीत दूर हैं।
पहले सेट में टिन चेन की बढ़त
पहले सेट की शुरुआत में ही टिन चेन ने रैलीज़ के जरिए पॉइंट्स कमाना शुरू किया और दो पॉइंट्स की बढ़त ले ली। हालांकि, लक्ष्य सेन ने भी वापसी की और पॉइंट्स बनाने शुरू किए। हाफ टाइम तक टिन चेन ने 11-9 की बढ़त ले ली थी। टिन चेन ने इस सेट में कई पॉइंट्स स्मैश कर कमाए और लक्ष्य के डिफेंस को भी लगातार टेस्ट किया। हालांकि, लक्ष्य ने भी मौके का फायदा उठाते हुए कुछ शानदार स्मैश लगाए और स्कोर को 18-18 पर बराबर कर दिया। लेकिन नेट्स पर कुछ गलतियों और खराब सर्विस के चलते लक्ष्य पहला सेट 19-21 से हार गए।
दूसरे सेट में जोरदार वापसी
दूसरे सेट में लक्ष्य सेन ने जोरदार वापसी की। उन्होंने शुरुआत में ही 4-2 की लीड ले ली। हालांकि, टिन चेन ने भी मैच में वापस लौटने की कोशिश की और स्कोर को बराबरी पर ले आए। दोनों खिलाड़ियों के बीच कुछ शानदार रैलीज़ हुईं और पॉइंट्स बंटे। हाफ टाइम तक मैच 10-10 की बराबरी पर था। लक्ष्य ने टिन चेन से नेट्स पर गलती करवा 11-10 की बढ़त ले ली। यहां से लक्ष्य ने एक-एक कर पॉइंट्स कमाए और सेट को 21-15 से अपने नाम कर लिया।
तीसरा और निर्णायक सेट
तीसरा सेट, बोले तो आखिरी सेट, सबसे महत्वपूर्ण था। इंडियन फ़ैन्स अपनी सीट से चिपके बैठे थे। शुरुआत में ही टिन चेन ने दो पॉइंट्स की लीड ले ली थी। लेकिन फिर लक्ष्य ने वापसी की और लगातार पॉइंट्स कमाए। टिन चेन ने कई गलतियां कीं, जिसका फायदा उठाकर लक्ष्य हाफ टाइम तक 11-7 की बढ़त ले गए। इसके बाद तो मैच खत्म ही हो गया। लक्ष्य ने स्मैश के साथ गेम पॉइंट पर पहुंचे और फिर सेट को 21-12 से अपने नाम कर, मैच जीत लिया।
लक्ष्य सेन की मेहनत और धैर्य
लक्ष्य सेन की इस जीत के पीछे उनकी मेहनत और धैर्य का बड़ा हाथ है। उन्होंने ना केवल अपनी तकनीक में सुधार किया बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को मजबूत किया। उनका यह सफर आसान नहीं था। इससे पहले भी वे टिन चेन के साथ चार मैच खेल चुके थे, जिसमें उन्हें सिर्फ़ एक मैच में जीत मिली थी। लेकिन इस बार उन्होंने साबित कर दिया कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
भारतीय बैडमिंटन के लिए नई उम्मीद
लक्ष्य सेन की इस उपलब्धि ने भारतीय बैडमिंटन को एक नई उम्मीद दी है। वे अब सेमी-फाइनल में पहुंच गए हैं और भारतीय बैडमिंटन के लिए एक नया अध्याय लिख रहे हैं। उनकी इस जीत से भारतीय युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी खेल के क्षेत्र में अपना नाम रोशन करने का सपना देख सकते हैं।
लक्ष्य सेन का पेरिस ओलंपिक्स 2024 में सेमी-फाइनल में प्रवेश भारतीय खेल इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। उन्होंने अपनी मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास के बल पर यह उपलब्धि हासिल की है। उनकी यह जीत न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। अब सभी की निगाहें सेमी-फाइनल मैच पर हैं, जहां लक्ष्य एक और ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहे हैं। भारत को उम्मीद है कि वे अपनी इस शानदार फॉर्म को बनाए रखेंगे और देश के लिए एक मेडल जीतकर लौटेंगे।