लालू प्रसाद यादव को ग्वालियर की MP-MLA कोर्ट द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट के बाद मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह वारंट आर्म्स एक्ट के तहत जारी किया गया है और इसमें 1995-97 के दौरान हथियारों की सप्लाई के आरोप लगाए गए हैं। यह एक बड़ा मामला है जो पुराने सालों का है और इसमें कई आरोपियों को शामिल किया गया है। लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जारी किए गए वारंट के मामले में उन्हें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में भी जाना जाता है।
ग्वालियर की MP-MLA कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है जिसमें उन्हें 1995-97 के दौरान हथियारों की खरीददारी के मामले में आरोपित किया गया है। यह मामला बहुत पुराना है, लेकिन इसका महत्व अब भी बना हुआ है। इसमें उन्हें फॉर्म 16 के तहत हथियारों की सप्लाई के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस की जांच में उनका नाम सामने आया और उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया गया।

इस मामले में कुल 23 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है। इनमें लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं। उन्हें गिरफ्तार किया गया था और उनका नाम फरार गिरफ्तारियों की सूची में शामिल किया गया था। पुलिस ने 1998 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी और इसका मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।
ग्वालियर की MP-MLA कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है और इसका मतलब है कि लालू प्रसाद यादव को कोर्ट में पेश होना होगा। इस मामले में अब उन्हें कोर्ट में अपनी पक्ष की रक्षा करने के लिए उत्तरदायित्व होगा। यह एक महत्वपूर्ण मामला है जो लालू प्रसाद यादव के लिए और उनके पार्टी के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। इससे उन्हें पूरे मामले का सामना करना होगा और उन्हें अपनी निर्दोषता का साबित करने के लिए कोर्ट में अपनी पक्ष की रक्षा करनी होगी।