महुआ मोइत्रा के खिलाफ चल रहे मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी की तरफ से जल्दी ही एक निर्णय की उम्मीद है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि क्या उनके पर उठाए गए आरोप साहित्य हैं या नहीं। तृणमूल कांग्रेस ने अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखी थी, लेकिन अब उनके राष्ट्रीय सचिव अभिषेक बनर्जी ने एक बड़ा बयान जारी किया है।
अभिषेक बनर्जी ने महुआ मोइत्रा के समर्थन में कुछ कहा और मामले को लेकर एक सार्थक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेटी में कई मामले पड़े हुए हैं और महुआ मोइत्रा इनमें से एक हैं। उन्होंने इसके साथ ही भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा संसद में कहे गए अपशब्दों के मामले को भी उठाया और सरकार पर सवाल उठाने पर सांसदों को प्रतिष्ठानुसार सजा मिलने का निर्णय किया जा रहा है।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, “अगर कोई सदस्य सरकार पर सवाल उठाता है, तो इस तरीके से उसे सांसद पद से हटाया जा रहा है।” उन्होंने यह भी जताया कि उन्हें लगता है कि महुआ मोइत्रा अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं।

इसके साथ ही, महुआ मोइत्रा के खिलाफ चल रहे मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने भी अपडेट जारी किया है। उन्होंने कहा है कि समिति सभी साक्ष्य के आधार पर निर्णय लेगी और प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष को भेजेगी।

महुआ मोइत्रा के संसदीय क्षमताओं पर उठे गए आरोपों के बारे में एक और पहला बड़ा सुनवाई इस विवाद को सुलझाने की दिशा में कदम उठा सकता है। इस सबके बावजूद, तृणमूल कांग्रेस ने अबतक मामले को लेकर चुप्पी बनाए रखी है और पार्टी की अग्रणी, ममता बनर्जी, ने भी इस पर अभी तक कोई बयान नहीं जारी किया है।

एक ओर, महुआ मोइत्रा को लेकर एनडीए से जुड़े एक अन्य मुद्दे में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक बनर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में भी पेश होकर अपने पक्ष का सामना किया है। उन्हें कोलकाता में एक स्कूल रोजगार घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। अभिषेक बनर्जी ने ईडी के सामने पेश होने के बाद कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और वह हमेशा एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।