बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का लंदन में साइंस म्यूजियम का दौरा एक महत्वपूर्ण घटना है। उन्होंने यहाँ पर देखा कि कैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लंदन के साइंस म्यूजियम ने अपने दर्शकों को विशिष्ट अनुभव प्रदान किया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए, उन्होंने घरेलू मुद्दों के लिए भारतीय संदर्भ में इस उदाहरण को एक नये परियोजना के रूप में लेने का निर्णय लिया है।
पटना में बन रहे साइंस सिटी को लंदन के साइंस म्यूजियम के तर्ज पर बनाने का ऐसा निर्णय न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो सकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अग्रणी रहने के लिए व्यापक और समृद्ध अनुसंधान और विकास के केंद्र की भूमिका खेलने वाले भारत के लिए ऐसी पहल को समर्थन देना अत्यंत आवश्यक है।
नीतीश कुमार जी ने इस परियोजना के लिए अपनी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पटना में बनने वाले साइंस सिटी में आने वाले छात्र-छात्राओं को विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों को सरलता से समझने का अवसर मिलेगा। वहाँ उन्हें नवीनतम तकनीकी उपकरणों का भी प्रयोग मिलेगा, जो उनके शैक्षिक अनुभव को और भी रोचक और सीखनेयोग्य बना देगा।
यह परियोजना भी बिहार के विकास को संजीवनी साबित हो सकती है। यहाँ बनने वाले इस साइंस सिटी के माध्यम से बिहार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हो सकता है। इससे बिहार की युवा पीढ़ी को अधिक अवसर मिलेंगे और वह न केवल अपने व्यक्तिगत विकास में मदद मिलेगी, बल्कि पूरे राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
इस परियोजना की शुरुआत के लिए नीतीश कुमार जी को सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, स्थानीय प्रशासन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञों और विद्यालयों के सहयोग की आवश्यकता होगी। उन्होंने इस परियोजना के साकार होने के लिए सभी संबंधित ताकतों को सहयोग के लिए आमंत्रित किया है।
इस उद्यान का आयोजन बिहार के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। नीतीश कुमार जी के इस प्रयास का समर्थन करना हम सभी का दायित्व है, ताकि हम एक उन्नत, विज्ञान-मुख्य और तकनीकी रूप से सशक्त बिहार का निर्माण कर सकें।