उत्तर प्रदेश में 2024 लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं के बीच हुई भिड़ंत ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। इस झड़प में एक युवक के घायल होने की खबर है। मतगणना स्थल के पास हुई इस घटना ने राज्य में चुनावी तनाव को और भी बढ़ा दिया है।
घटना की पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश, जो कि भारत का सबसे बड़ा राज्य है, हमेशा से ही लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस बार के चुनाव में भी ऐसा ही देखा जा रहा है, जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। राज्य में 80 लोकसभा सीटों के लिए हो रही मतगणना में सपा और कांग्रेस का गठबंधन भाजपा पर बढ़त बनाए हुए है। इस बीच, लखनऊ में मतगणना स्थल के पास भाजपा और सपा कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत हो गई।
भिड़ंत के कारण

मिली जानकारी के अनुसार, यह भिड़ंत तब शुरू हुई जब मतगणना स्थल के पास दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता चुनाव के रुझानों को लेकर बहस करने लगे। बहस के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई और देखते ही देखते मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इस झड़प में एक युवक घायल हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। घायल युवक की पहचान और उसकी पार्टी की संबद्धता की जानकारी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
उत्तर प्रदेश में चुनावी स्थिति

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा पर बढ़त बनाई हुई है। राज्य में सपा 36 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि भाजपा 33 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस 7 सीटों पर और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) 2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। इसके अलावा, दो अन्य सीटों पर अन्य पार्टियों ने बढ़त बना रखी है।
चुनावी माहौल और उसके प्रभाव
उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल हमेशा से ही तनावपूर्ण रहा है, खासकर जब बात मतगणना की आती है। सपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच हुई इस भिड़ंत ने चुनावी तनाव को और भी बढ़ा दिया है। इस घटना ने यह दिखा दिया है कि चुनावी रुझानों को लेकर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच कितना अधिक तनाव है।
प्रशासन की भूमिका

घटना के तुरंत बाद, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। लखनऊ के पुलिस प्रमुख ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और मतगणना स्थल की सुरक्षा को और भी कड़ा कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसके कार्यकर्ता जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, भाजपा ने सपा पर चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है। दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और अपने-अपने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है।
लखनऊ में सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई इस भिड़ंत ने चुनावी माहौल को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। मतगणना के दौरान इस तरह की घटनाएं लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक होती हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए।
राजनीतिक दलों के नेताओं को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके कार्यकर्ता संयमित रहें और चुनावी प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा न डालें। इस तरह की घटनाओं से न केवल राजनीतिक माहौल बिगड़ता है, बल्कि जनता का विश्वास भी लोकतांत्रिक प्रणाली से उठ सकता है।
आशा है कि प्रशासन और राजनीतिक दल मिलकर इस घटना से सबक लेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।