मध्य प्रदेश में हो रहे विधायकों के खिलाफ चल रहे अपराधिक मामलों की रिपोर्ट ने राजनीतिक माहौल को गरमा गरमा कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 230 विधायकों में से 90 विधायकों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 34 विधायकों के खिलाफ गंभीर अपराधों के मामले हैं। इसमें 51 भाजपा, 38 कांग्रेस और एक भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक शामिल हैं।
मध्य प्रदेश में इस बार कुल 230 विधायकों में से केवल 27 महिला चुनी गई हैं, जो इस संख्या में बढ़ावा है उपर से। इससे पहले साल 2018 में 21 महिला विधायक बनी थीं। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने फिर से बहुमत प्राप्त किया है और नए मुख्यमंत्री के चयन की चर्चा विवादों में घेरी हुई है।
इसके साथ ही, एक और रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि 230 विधायकों में से 205 विधायक करोड़पति हैं। इनमें से 144 भाजपा के और 61 कांग्रेस के हैं। यह रिपोर्ट दिखाती है कि 2018 में 187 विधायक करोड़पति थे और इस बार यह संख्या थोड़ी कम है। सबसे अमीर विधायक रतलाम से बीजेपी के चैतन्य कश्यप हैं, जिनकी कुल संपत्ति करीब 296 करोड़ रुपये है। इसके बाद विजयराघवगढ़ के विधायक सत्येंद्र पाठक और कांग्रेस के नेता कमलनाथ भी इस सूची में शामिल हैं, जिनकी संपत्तियाँ करीब 242 करोड़ और 134 करोड़ रुपये की हैं, बराबरी क्रम में।
इस समय, राजनीतिक घटनाओं के बीच पार्टियों ने नए मुख्यमंत्री का चयन करने के बारे में चर्चा कर रही हैं, जबकि अपराधिक मामलों की जांच भी जारी है। इस बीच, सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों की मांग भी हो रही है ताकि लोगों को विश्वास बना रहे रखा जा सके और देश के सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।