मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित मां बिरासनी देवी मंदिर में एक नया कदम उठाया गया है जिसके अनुसार अब पुजारियों और पंडा के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। यह आदेश मंदिर संचालन समिति के तरफ से जारी किया गया है। इस नए निर्देश के अनुसार, पुजारी और पंडा अब बिना ड्रेस के मंदिर परिसर एवं गर्भ ग्रह में पूजा अर्चना नहीं कर पाएंगे। यह नया कदम इस धार्मिक स्थल की प्रशासनिक व्यवस्था को समृद्धि और संगठनशीलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
मंदिर संचालन समिति ने इस निर्णय का इतना महत्व दिया है क्योंकि अक्सर देखा जाता था कि पुजारियों और पंडा कमरे के बिना ही मंदिर के गर्भ ग्रह में पूजा अर्चना करते थे। इसके अलावा, साफाई कर्मियों भी बिना ड्रेस के मंदिर परिसर में कार्य करते थे, जिससे वहां के कर्मचारी और श्रद्धालु उन्हें पहचानने में कठिनाई महसूस करते थे। इस समस्या के समाधान के लिए, मंदिर संचालन समिति ने ड्रेस कोड का निर्धारण किया है।

ड्रेस कोड के तहत, पुजारी और पंडा के लिए पीली धोती और पीला कुर्ता अनिवार्य किया गया है। वहीं, पंडा के लिए लाल धोती और लाल कुर्ता निर्धारित किया गया है। साथ ही, सफाई कर्मियों के लिए नीले रंग की साड़ी और पुरुषों के लिए नीला शर्ट और पैंट का ड्रेस कोड तय किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी मंदिर के कर्मचारी और श्रद्धालु पहचानने में आसानी महसूस करें और सामूहिक एकता और संगठनशीलता को बढ़ावा मिले।

मंदिर में ड्रेस कोड के लागू होने के बाद, पुजारियों और पंडा को अब ड्रेस के निर्धारित नियमों का पालन करना होगा। इससे न केवल धार्मिक स्थल की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि यह एक सामूहिक अनुशासन के संकेत के रूप में भी कार्य करेगा। इस नए कदम के माध्यम से, मां बिरासनी देवी मंदिर का प्रशासन एक और महत्वपूर्ण चरण की ओर अग्रसर हो रहा है। इससे न केवल धार्मिक स्थल की प्रबंधनिक व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि सामूहिक अनुशासन को भी मजबूत किया जाएगा जो एक सामूहिक समृद्धि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगा।