मध्य प्रदेश में नई सरकार बनते ही ब्राह्मण वर्ग से आने वाले डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके साथ ही, दो डिप्टी सीएम के पद के लिए जगदीश देवड़ा और राजेश शुक्ला के नामों की मुहर लगी है। इस समय विधायक नरेंद्र तोमर को स्पीकर की कुर्सी मिलेगी। जगदीश देवड़ा मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ से हैं और एससी वर्ग से आते हैं, जबकि राजेश शुक्ला रीवा सीट से विधायक हैं और वे ब्राह्मण वर्ग से हैं।
इससे पहले शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाने की संभावना थी, लेकिन डॉ. मोहन यादव के नाम का एलान कर दिया गया है। उनका चयन उज्जैन दक्षिण से विधायक होने के कारण हुआ है। इसके साथ ही, नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा के अध्यक्ष बनाया जाएगा, जो पहले केंद्रीय कृषि मंत्री रह चुके हैं और मुरैना जिले की दिमनी सीट से विधायक हैं।
जगदीश देवड़ा, मल्हारगढ़ से विधायक, और राजेंद्र शुक्ला, रीवा से विधायक, नए डिप्टी सीएम के रूप में उम्मीदवार बन सकते हैं। दोनों ही नेता अपने क्षेत्रों में लोकप्रिय हैं और उन्हें उच्च पदों पर देखना एक सामान्य चुनौतीपूर्ण परिस्थिति हो सकता है।
नरेंद्र तोमर को स्पीकर के रूप में चुना जाना एक बड़ा कदम है, जो विधायकों के बीच नेतृत्व की भूमिका को दरबाजे पर ला सकता है। तोमर का अब विधायक मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि स्पीकर के रूप में कार्य करना हो सकता है।
जगदीश देवड़ा ने पहली बार 1979 में उज्जैन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट की थी और इन्होंने पिछली शिवराज सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया है। वह छह बार से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। राजेंद्र शुक्ला ने 2003 में राजनीति में कदम रखा और 2013 में शिवराज सिंह चौहान सरकार के तहत कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने मोदी सरकार में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया और मध्य प्रदेश में बीजेपी के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख और प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने मुरैना जिले की दिमनी सीट से विधायक चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।
बीजेपी ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया है, जिसमें उन्होंने 163 सीटें जीती हैं, जो कांग्रेस के 66 सीटों से कहीं अधिक हैं। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को गई है।