महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के तीन नए मामले सामने आए हैं, जिससे राज्य में अब तक इस संक्रमण के 12 मामले दर्ज हो चुके हैं। पुणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की स्वास्थ्य अधिकारी कल्पना बलवंत ने इस बात की पुष्टि की है। जीका वायरस के बढ़ते मामलों के चलते राज्य सरकार ने अन्य राज्यों को भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को परामर्श जारी कर स्थिति की निरंतर निगरानी करने और गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस जांच कराने पर विशेष ध्यान देने को कहा है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल द्वारा जारी परामर्श में, राज्यों से कहा गया है कि वे अपने स्वास्थ्य संस्थानों में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें जो परिसरों को एडीज मच्छरों के संक्रमण से मुक्त रखने की निगरानी और कार्रवाई करेंगे।
जीका वायरस क्या है?
जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यही मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया का भी कारण बनता है। जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, दाने, जोड़ों में दर्द और लाल आंखें जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मौत होने की संभावना बेहद कम होती है, लेकिन यह संक्रमण गर्भवती महिलाओं और उनके भ्रूण के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए क्यों खतरनाक है जीका वायरस?
जीका वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से खतरनाक है क्योंकि यह उनके गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को प्रभावित कर सकता है। जीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के शिशु में ‘माइक्रोसेफेली’ की समस्या हो सकती है, जिसमें शिशु का सिर सामान्य से बहुत छोटा हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप, शिशु को जन्म के बाद कई तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा, दौरे, और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार।
पुणे में सबसे अधिक मामले
पुणे में जीका वायरस के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। इस साल दो जुलाई तक पुणे में जीका के छह और कोल्हापुर व संगमनेर में एक-एक मामला दर्ज हुआ था। अब पुणे में ही इस संक्रमण के तीन नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी और सख्ती बढ़ा दी है।
सरकारी निर्देश और प्रयास
राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य संस्थानों या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाली संस्थाओं को निर्देश दें कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका जांच करें और संक्रमण की पुष्टि होने पर महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें। इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने जीका वायरस से निपटने के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।
जीका वायरस से बचाव के उपाय
जीका वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. मच्छरों से बचाव: एडीज मच्छर के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छर भगाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करें।
2. शरीर को ढक कर रखें: ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को पूरी तरह से ढकें, ताकि मच्छरों का काटने का जोखिम कम हो।
3. मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करें: पानी जमा न होने दें, क्योंकि एडीज मच्छर स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं।
4. स्वास्थ्य जांच: गर्भवती महिलाएं नियमित रूप से अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें और किसी भी असामान्य लक्षण की जानकारी तुरंत दें।
5. सफाई: अपने घर और आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें, ताकि मच्छरों का प्रकोप कम हो सके।
जीका वायरस एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और उनके भ्रूण के लिए। महाराष्ट्र में इसके बढ़ते मामलों ने सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए और जागरूकता बढ़ाकर ही इस वायरस के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। सभी नागरिकों को मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए और किसी भी संदेहास्पद लक्षण पर तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए।