बदायूं में हुए दरिंदगी के घटना के बाद जावेद का सरेंडर बरेली में होना, यह वाकई ही एक चौंकाने वाली खबर है। उसका दावा है कि उसने किसी भी प्रकार की हिंसा या अपराध नहीं किया है, और जो कुछ हुआ, वह उसके भाई साजिद द्वारा किया गया है। इस घटना के पीछे की कहानी बहुत ही चौंका देने वाली है और समाज में आइना दिखाती है कि हमारे समाज में कितनी हिंसा और अज्ञानता की कमी है।
बच्चों की हत्या जैसे घटनाओं के पीछे छिपी हुई सोच और मानसिकता को समझना जरूरी है। साजिद की क्रूरता और उसकी बाइक पर फरारी की कार्रवाई, जैसी घटनाएं हमें यह दिखाती हैं कि किस तरह की सोच और संस्कृति हमारे समाज में मौजूद है। बच्चों की हत्या जैसे घटनाओं के पीछे बड़े पापों की सोच और विकृत मानसिकता छिपी होती है, जिसे हमें समझना और दूर करना जरूरी है।
बच्चों की हत्या के पीछे उनकी मासूमियत का संघर्ष हो सकता है, या फिर किसी व्यक्ति की बादशाहती और क्रूर विचारधारा का परिणाम हो सकता है। साजिद की बर्बरता और जावेद का आत्मसमर्पण दोनों ही घटनाओं के पीछे छिपी भावनाओं की प्रतिफलन हो सकती हैं। इसलिए हमें इन बातों को समझने और समाज में इसका संज्ञान बढ़ाने की आवश्यकता है।
बच्चों की हत्या जैसी घटनाओं से समाज को सीखना और सुधारना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि बच्चों की हत्या के पीछे छिपी सोच और विकृत मानसिकता को कैसे समाप्त किया जा सकता है। समाज में शिक्षा, सच्चाई और समर्थन की भावना को बढ़ाने की आवश्यकता है। हमें बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने और अपराधियों को न्याय के द्वारा सजा दिलाने की जरूरत है।
इस तरह की घटनाओं से हमें यह सीख मिलती है कि समाज में अपराधों के खिलाफ सही और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हमें बच्चों की सुरक्षा और समाज की सुरक्षा के लिए जागरूक होना चाहिए और अपराधियों को न्याय के द्वारा सजा दिलाने का निर्णय लेना चाहिए।