बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर हमला किया है। मनीष कश्यप का कहना है कि वह फौजी के बेटे हैं और उन्हें चारा चोर का नहीं मानना चाहिए। इस विवाद के पीछे क्या कहानी है, यह जानने के लिए हम इस लेख में विस्तार से जांचते हैं।
मनीष कश्यप का बयान: एक दोहरा खेल?

मनीष कश्यप ने हाल ही में तेजस्वी यादव पर एक तरह के हमले का बोलबाला बना दिया है, लेकिन क्या यह वाकई एक दोहरा खेल है? मनीष कश्यप का कहना है कि उन्हें बिहार की जमीन पर गर्मी के बावजूद फौजी के बेटे के रूप में जीने का अधिकार है, और उन्हें चारा चोर या अन्य अपवाद से जोड़ने का कोई कारण नहीं है।
मनीष कश्यप के विवादित बयान के पीछे की कहानी:
मनीष कश्यप ने हाल के वक्त में तमिलनाडु की जेल में बंद होने का सामना किया है, क्योंकि उन पर तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो बनाने और वायरल करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में मनीष कश्यप शुक्रवार को पटना स्थित सिविल कोर्ट में पेश हुएं।
मनीष कश्यप का जवाब:
मनीष कश्यप ने अपने विवादित बयान में यह भी कहा कि वह 6 महीने से चुप रहे थे, लेकिन अब उनके सब्र की हद हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें गंजेड़ी और नशेड़ी के बीच में ज़िंदगी बितानी पड़ती है, और वह लोग उनके मुँह पर फूंकते हैं, लेकिन पुलिस कुछ नहीं करती है।
मनीष कश्यप का दृढ संकल्प:

मनीष कश्यप ने तेजस्वी यादव पर सांकेतिक रूप से हमला करते हुए कहा कि उन्हें झुकाने का प्रयास किया गया है, लेकिन वह एक हथकड़ी ईमानदार आदमी के हाथ लगे हैं और उनके परिवार का युद्ध में योगदान है। वह अपनी आवाज़ को हमेशा बुलंद रखेंगे और अपने दर्शकों के साथ रहेंगे।
मनीष कश्यप के विवादित बयान ने बिहार की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें वह अपने परिवार के योद्धाओं की प्रतिष्ठा को महत्वपूर्ण मानते हैं और खुद को चारा चोर नहीं मानते हैं। यह मुद्दा आगे भी गर्म रह सकता है, और इसके अधिक विकसित रूप से जांच और उपयोगकर्ता के लिए अच्छा रुख देना महत्वपूर्ण हो सकता है।