मुफ्ती सलमान अजहरी एक इस्लामी रिसर्च स्कॉलर के रूप में जाने जाते हैं और उन्होंने जामिया रियाजुल जन्नाह, अल-अमान एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट और दारुल अमान की स्थापना की है. उनकी गिरफ्तारी महाराष्ट्र से गुजरात तक बवाल मचा रही है, जब उन्हें भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

भड़काऊ भाषण के मामले की जांच कर रही गुजरात पुलिस ने मुंबई से मुफ्ती सलमान अजहरी को हिरासत में ले लिया है और उन्हें गुजरात ले जाने के लिए रवाना किया गया है। उनके समर्थकों ने इस गिरफ्तारी का प्रतिरोध किया है और वे हल्के लाठीचार्ज का सामना कर रहे हैं।
मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी ने अपने समर्थकों से प्रदर्शन न करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि वह अपराधी नहीं हैं और न किसी अपराध के लिए यहां लाए गए हैं। उन्होंने इस मामले में पुलिस की जांच में सहयोग कर रहे हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे किसी विशेष धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है।

इस मामले में भड़काऊ भाषण के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों ने सोशल मीडिया पर एक खुले मैदान में आयोजित कार्यक्रम में अनुमति ली थी कि अजहरी धर्म के बारे में बात करेगा और नशामुक्ति के बारे में जागरूकता फैलाएगा, लेकिन उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है और अन्य धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।
गुजरात पुलिस के अधिकारी का कहना है कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों ने सभा के लिए यह कहते हुए अनुमति ली थी कि अजहरी नशामुक्ति के बारे में बात करेगा और उन्हें गिरफ्तार करके उनके भड़काऊ भाषण को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

इस घड़ी में मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और उनके समर्थन में उत्कृष्ट खुलासे की जा रही है। इस संदर्भ में, मुफ्ती सलमान अजहरी ने कहा है कि वह इस्लामी शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में अपने सेवाएं दे रहे हैं और उनका उद्देश्य किसी भी तरह का आपसी भेदभाव नहीं है। उन्होंने गुजरात पुलिस की जांच में सहयोग करने की पूरी तैयारी कर रखी है और उम्मीद है कि सच्चाई जल्दी ही सामने आएगी।