बहुजन समाज पार्टी अभी I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल नहीं है, परन्तु इस गठजोड़ में शामिल कई नेता कह चुके हैं कि वह मायावती की पार्टी को भी इसमें शामिल करना चाहते हैं। हालांकि मायावती गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर चुकी हैं।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गठबंधन बनने लगे हैं। एक तरफ NDA है तो वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन है। NDA की रुपरेखा लगभग तैयार है लेकिन इंडिया गठबंधन के दल अभी फाइनल ही नहीं हो पा रहे हैं। कभी खबर आती है कि ये दल बाहर हो रहा है तो कभी कोई दल बाहर हो रहा है। हालांकि इस समय इंडिया गठबंधन को लेकर बहुजन समाज पार्टी के चर्चे खबर बना रहे हैं।
मायावती पहले कर चुकी हैं इनकार
सूत्रों के अनुसार, 19 दिसंबर को नई दिल्ली में हुई गठबंधन की बैठक में कहा गया कि इस गठजोड़ में बसपा को भी शामिल किया जाए। हालांकि इस प्रस्ताव पर समाजवादी पार्टी ने आपत्ति जताई। उन्होंने साफ़ कर दिया कि एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती हैं। अर्थात इस गठजोड़ में या तो सपा रहेगी या फिर बसपा। इसके साथ ही बैठक में शामिल सपा नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बसपा का भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसके बाद खुद मायावती ने साफ़ कर दिया कि वह I.N.D.I.A. गठबंधन में नहीं जा रही हैं।
बसपा सांसद ने क्या रखी शर्त?
हालांकि अब उनकी पार्टी के लोकसभा सांसद का बयान आया है। इसमें उन्होंने बसपा के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की एक शर्त रख दी है। बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर ने कहा कि यदि मायावती को गठबंधन में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए तो वह गठबंधन में शामिल होने का विचार कर सकती हैं। मलूक नागर ने कहा वास्तव में यदि गठबंधन को भाजपा को हराना है तो मायावती को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए।
‘INDIA गठबंधन में शामिल नहीं होंगे- मायावती
वहीं इससे पहले बीते दिनों BSP प्रमुख मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी BSP INDIA गठबंधन में शामिल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों झूठी अफवाह फैलाई गई थी कि हमारी पार्टी इसमें शामिल हो रही है। मायावती ने कहा कि विपक्ष के गठबंधन में जो दल शामिल नहीं हैं, उनके खिलाफ किसी भी तरह की टीका-टिप्पणी करना ठीक नहीं है।
‘ऐसी टिप्पणी करने वालों को हमेशा बचना चाहिए’
उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणी करने वालों को इससे बचना चाहिए, क्योंकि भविष्य में देशहित में कब किस दल की किसको जरुरत पड़ जाए। इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। आगे चलकर किसको शर्मिंदगी उठानी पड़े तो इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में समाजवादी पार्टी इसका उदहारण भी है।