मायावती ने भी की संदेशखाली हिंसा के जांच की मांग, बंगाल पुलिस ने भाजपा के प्रतिनिधिमंडल को रोका। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा संदेशखाली जाने के लिए गठित 6 सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल को बंगाल पुलिस ने रोक दिया है। इसके साथ ही, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई कथित हिंसा और महिलाओं के साथ यौन शोषण के मामले ने पूरे देश में माहौल गरम कर दिया है। भाजपा बीते कई दिनों से ममता बनर्जी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। भाजपा ने क्षेत्र के हालात पता करने के लिए अपना 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया है। अब इस पूरे मामले के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी संदेशखाली में हुई हिंसा के जांच की मांग की है।
मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हाल ही में महिला उत्पीड़न आदि की घटनाओं को लेकर वहां जारी तनाव व हिंसा अति चिन्तनीय है। राज्य सरकार को निष्पक्ष होकर दोषियों के खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई करने की आग्रह किया।

भाजपा के प्रतिनिधिमंडल को रोका गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा संदेशखाली जाने के लिए गठित 6 सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल को बंगाल पुलिस ने रोक दिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में दो केंद्रीय मंत्री और 4 सांसद हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बृजलाल ने कहा है कि ममता बनर्जी की तानाशाही है। उनका दावा है कि ममता बनर्जी चाहती हैं कि हम संदेशखाली न जाएं।

वहीं, बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा है कि ममता बनर्जी और उनकी सरकार कितनी डरी हुई है। केंद्रीय मंत्रियों को जाने नहीं दिया जा रहा है, धारा 144 लगा दी गई है। उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी को पता है कि उसके प्रदेश में क्या हो रहा है। हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है, वह चाहती है कि इस मामले को दबा दिया जाए।

संदेशखाली में हुई घटना पर दिग्गज अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इससे घृणित बात कुछ नहीं हो सकती। महिलाओं के साथ ऐसा खेल खेलना अविश्वसनीय है। उन्होंने आगे कहा कि राजनीति तो होती है, लेकिन ऐसी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि संदेशखाली का ऐसा कौन सा सत्य है जो ममता बनर्जी और TMC की सरकार नहीं चाहती कि पूरी दुनिया और भारत के सामने उजागर हो। उन्होंने आगे कहा है कि अगर पुलिस शाहजहां शेख को पकड़ने या उसके शोषण को रोकने में अपनी मुस्तैदी दिखाती, तो आज संदेशखाली में यह स्थिति नहीं होती।