विवेक रामास्वामी का यह विवादपूर्ण बयान है जो उनके राष्ट्रपति अभियान को एक नए दृष्टिकोण से देखने का माध्यम बना है. उन्होंने अपने हिंदू धर्म के माध्यम से उनके अभियान की प्रेरणा को बताया है, कहते हुए कि उनकी आस्था ही उन्हें इस कठिन यात्रा में आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करती है.
उन्होंने अपने धार्मिक दृष्टिकोण से यह भी बताया कि भगवान ने सभी मानवों को एक उद्देश्य के लिए यहां भेजा है और उस उद्देश्य को साकार करना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने इसे नैतिक कर्तव्य के रूप में भी व्यक्त किया.
विवेक ने अपने परिवार के महत्व को भी बताया, कहते हुए कि परिवार ही नींव है और माता-पिता का सम्मान करना उनकी शिक्षा का हिस्सा रहा है. उन्होंने शादी और परिवार के मूल्यों को महत्वपूर्ण बताया और व्यभिचार के खिलाफ उनका स्थान भी स्पष्ट किया.
उनका बयान हिंदू और ईसाई धर्मों के बीच समानताओं को बताता है और उन्होंने इसे भगवान के ‘साझा मूल्य’ के रूप में समझा है. वह बता रहे हैं कि ये मूल्य ही उनके राष्ट्र का आधार हैं.
विवेक रामास्वामी का व्यक्तिगत जीवन भी दिखता है कि उन्होंने कैसे अपने माता-पिता के सिखाए गए मूल्यों को अपनी जीवनशैली में समाहित किया है. उनकी पूरी जीवनी ने उनके राष्ट्रपति अभियान को एक नए रूप में प्रस्तुत किया है.
इस बयान से साफ है कि विवेक रामास्वामी का राष्ट्रपति अभियान उनके धार्मिक मूल्यों, परिवार के महत्व, और साझा मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के आधार पर टिका है. यह बयान उनके समर्थन में नए विचार और दृष्टिकोण लाने में सहारा कर सकता है और उन्हें राष्ट्रपति अभियान में और भी मजबूती प्रदान कर सकता है.