मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है, जिसकी वजह से क्षेत्र में चिंता की स्थिति पैदा हो रही है। इसमें ईरान और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ रहा है, जिसकी वजह से कई देशों को चिंता हो रही है। इज़राइल ने इसके जवाब में कहा है कि वह सही समय पर ईरान को जवाब देगा। इसके बाद ईरान ने भी कहा है कि अगर इज़राइल उन पर हमला करता है, तो वह चुप नहीं बैठेंगे।
इज़राइली सैन्य प्रमुख ने सोमवार को कहा था कि सही समय देखकर इस सप्ताह के अंत तक ईरान के हमले का जवाब दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि वे प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के संदेश का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, ईरान ने कहा कि वह इज़राइल के किसी भी हमले का ‘सेकेंड भर में जवाब’ देगा। इससे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ सकता है और युद्ध की आशंका भी बढ़ सकती है।

इस घटना के बाद, इराकी प्रधान मंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने वाशिंगटन में वार्ता के दौरान मध्य पूर्व में संयम बरतने का भी आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि ईरान को अपने ऊपर आई विपत्ति के बावजूद स्थिति को संभालने में सक्षम होना चाहिए।
इसे ध्यान में रखते हुए, इज़राइली सैन्य प्रमुख ने कहा कि वे अपने अगले कदमों पर विचार कर रहे हैं और ईरान के हमले का जवाब देने का निर्णय लेंगे। यह हमला 13 अप्रैल को हुआ था, जिसमें ईरान ने पहली बार इज़राइल पर सीधा हमला किया था। इस हमले के बाद, इज़राइल के प्रधान मंत्री ने इज़राइल को जवाब देने का दावा किया था।
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने के साथ ही, अन्य देशों ने भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। चीन के विदेश मंत्री ने कहा है कि ईरान को संयम बरतने की सलाह दी गई है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए, इज़राइली सैन्य प्रमुख ने कहा कि वे अपने कदम बढ़ा रहे हैं और इज़राइल के राज्य में हो रहे हमले का जवाब देने का निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि उनका जवाब समय चुनकर दिया जाएगा।
इज़राइल के चैनल 12 के अनुसार, युद्ध कैबिनेट ने अपनी बैठक में कई विकल्पों पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य इज़राइल को नुकसान पहुंचाना था। इस समय, सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
इस तनाव के बाद, कई देशों को चिंता हो रही है कि मिडिल ईस्ट में युद्ध की संभावना है। इस समय, दिप्लोमेसी की महत्वपूर्ण भूमिका है और सभी देशों को संयम बरतने की सलाह दी जा रही है।