रूस ने पहली बार खुलकर अमेरिका पर आरोप लगाया है। इस आरोप में रूस ने अमेरिका को मिडिल ईस्ट में चल रही जंग में आक्रामक भूमिका निभाने का आरोप लगाया है। रूस द्वारा अमेरिका को आरोपित किया गया है कि वह इस क्षेत्र में अपने राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए अप्रत्याशित कदम उठा रही है। यह रूस के द्वारा पहली बार खुलकर ऐसा किया गया है।
मिडिल ईस्ट में चल रही जंग में अमेरिका की आक्रामक भूमिका पर रूस ने आरोप लगाए हैं। पहली बार खुलकर रूस ने आरोप लगाते हुए मिडिल ईस्ट की जंग में अपने राजनीतिक लाभ लेने का अमेरिका को कसूरवार ठहराया है। रूस ने अमेरिका पर चुनावी लाभ के लिए पश्चिम एशिया में आक्रामकता दिखाने का आरोप लगाया है।
आरोप के संदर्भ में, रूस ने सोमवार को अमेरिका पर दुनिया में अपने वर्चस्व को बचाने तथा देश में चुनाव से पहले राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की ‘छवि’ चमकाने के लिए इराक और सीरिया के खिलाफ आक्रामकता दिखाने का आरोप लगाया। अमेरिका ने रूस के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिकी सुरक्षा बलों के खिलाफ ईरान समर्थित लड़ाकों के अनुचित हमलों पर उसकी सैन्य प्रतिक्रिया न केवल वैध है बल्कि यह जारी रहेगी।
इसके अलावा, रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक बुलाई, जिसमें दोनों देशों के बीच आरोप प्रत्यारोप हुए। बैठक में दोनों देशों ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि इजराइल-हमास युद्ध और लंबा नहीं खिंचे। परिषद के कई सदस्य देशों ने पश्चिम एशिया में संघर्ष बढ़ने की आशंका जताई की और तनाव कम करने और शांति प्रयास तेज करने का आग्रह किया।
रूस ने अपने राजदूत वैसिली नेबेंजिया के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के खिलाफ आरोप लगाए हैं। उन्होंने अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने और ‘‘पश्चिम एशिया में अराजकता और विनाश के बीज बोने’’ का आरोप लगाया है। रूस ने दावा किया कि अमेरिका और उसके सहयोगियों की हिंसा फलस्तीनी क्षेत्रों से लेकर लेबनान, लाल सागर और यमन तक बढ़ गई है और यह ‘‘पश्चिम एशिया में शांति स्थापित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को विफल कर रही है।’’ उन्होंने सभी देशों से ‘‘इन संवेदनहीन कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा करने का आह्वान किया, जो सीरियाई और इराक अरब गणराज्य की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं।’’
जवाब में, अमेरिकी उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने इसके जवाब में कहा कि अमेरिका को अपने सुरक्षा बलों पर हमलों के खिलाफ आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है और उसने जो कार्रवाई की है वह ‘‘जरूरी और हमलों के जवाब में’’ थी। अमेरिका क्षेत्र में और अधिक संघर्ष नहीं चाहता है और वह ‘‘गाजा में संघर्ष को रोकने और कम करने के लिए काम सक्रिय रूप से कर रहा है।’’