मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश होने के बाद देशभर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत इस बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को साधने की कोशिश की गई है, लेकिन इसमें कोई लोकलुभावन योजना नहीं दिखाई देती है, जिससे आगामी चुनावों में बीजेपी को तात्कालिक फायदा मिल सके।
2019 के लोकसभा चुनाव के पहले, 2018 में बीजेपी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में हार का सामना किया था। इसके बाद सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के लिए डायरेक्ट इनकम ट्रांसफर स्कीम का ऐलान किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 से भी ज्यादा सीटें मिलीं। लेकिन 2024 के अंतरिम बजट में इस तरह की कोई लोकलुभावन योजना नहीं घोषित की गई, जिसके कारण 2024 के चुनाव परिणामों में पार्टी की सीटें 303 से घटकर 240 पर आ गईं।
वित्तीय नीति और वोट बैंक
मोदी 3.0 के बजट में ऐसी कोई योजना नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि सरकार ने अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। बजट में ऐसा कोई चुनावी ऐलान नहीं है जिससे आगामी चुनावों में बीजेपी को लाभ मिल सके।
नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को साधने की कोशिश
बजट को देखने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को खुश रखने की कोशिश की है। लोकसभा में जेडीयू के 12 सांसद और नायडू के पास 16 सांसद हैं। बिहार की ही दो अन्य पार्टियों, चिराग पासवान की एलजेपी (R) के पांच सांसद और जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ के पास 1 सांसद हैं।
बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष योजनाएँ
मोदी 3.0 के बजट में बिहार के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गई है। इसमें बिहार को पैकेज के साथ एक्सप्रेसवे और पावर प्लांट की सौगात दी गई है। बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को खास महत्व दिया गया है। इन राज्यों के लिए वित्त मंत्री ने कई घोषणाएँ की हैं, जिससे साफ पता चलता है कि बीजेपी का ध्यान इन राज्यों पर केंद्रित है।
महाराष्ट्र और हरियाणा की उपेक्षा
बजट में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के विधानसभा चुनावों के लिए कोई विशेष योजना या घोषणा नहीं की गई है। ये राज्य अगले छह महीनों में चुनावों के लिए तैयार हो रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इनकी परवाह नहीं की है। बीजेपी का मानना है कि वह एनडीए के सहारे इन राज्यों में सत्ता विरोधी लहर को सफलतापूर्वक पार कर जाएगी।
आगामी चुनावों पर बजट का प्रभाव
मोदी 3.0 के पहले बजट का आगामी चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी की वापसी की संभावनाएँ इस बजट के आधार पर थोड़ी मुश्किल लग रही हैं। बिना लोकलुभावन योजनाओं के बीजेपी को इन राज्यों में सत्ता में वापसी करने के लिए मजबूत चुनावी रणनीति की जरूरत होगी।
मोदी 3.0 का पहला बजट राजनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को साधने की कोशिश की गई है, लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड जैसे राज्यों की उपेक्षा की गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में इस बजट का क्या प्रभाव पड़ता है और बीजेपी किस तरह से अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देती है। चुनावी नतीजों पर नजरें टिकी रहेंगी और भविष्य में क्या होगा, यह समय ही बताएगा।