राज्यसभा में हुए बदलाव ने सदस्यों को शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए मिलने वाले आधे घंटे के ब्रेक को समाप्त कर दिया है. इस निर्णय का आदान-प्रदान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने किया है. उन्होंने इसे संबंधित नियमों में बदलाव के रूप में किया है.

डीएमके के सांसद तिरुची शिवा ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि पिछले एक साल से ही इसमें बदलाव किया गया है. उनके अनुसार, सदन की बैठक शुक्रवार को 2.30 बजे से शुरू होती थी, लेकिन इस बार यह 2 बजे से शुरू कर दी गई है. इसमें बदलाव का आदान-प्रदान लोकसभा के साथ एकरूपता बनाए रखने के लिए किया गया है.

जब सभापति जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे पर अपना स्थान दिया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बदलाव नए नहीं है और एक साल पहले से ही लागू है. इसका उद्देश्य लोकसभा और राज्यसभा में एकरूपता बनाए रखना है.

मुस्लिम सदस्य एम. मोहम्मद अब्दुल्ला ने इस निर्णय पर नाराजगी जताई और कहा कि हर शुक्रवार को मुस्लिम सदस्य नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं और उनके लिए यह समय महत्वपूर्ण है. उनके अनुसार, यह नया नहीं है, और सदन की समय में बदलाव पहले से ही हुआ था.
इस रूप में, राज्यसभा में हुए बदलाव ने विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों को समानता का अहसास कराया है और सभी को समय की साझा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है.