जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, जबकि बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी और उनके परिजनों की कुल 538 करोड़ रुपये की संपत्ति में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जब्ती की है। इसमें शामिल हैं 17 आवासीय फ्लैट-बंगले और व्यापारिक परिसर, जो विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर स्थित हैं। इस जब्ती में, लंदन, दुबई, और भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित कुछ संपत्तियां शामिल हैं, जो नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल, और बेटे निवान गोयल के नाम पर हैं।
इससे पहले भी, नरेश गोयल को 538 करोड़ रुपये के केनरा बैंक धोखाधड़ी मामले में ED ने गिरफ्तार किया था। ईडी की जांच से पता चला कि नरेश गोयल ने वित्तीय धोखाधड़ी में बड़े पैमाने पर शामिल होते हुए, जेट एयर प्राइवेट लिमिटेड (JIL) के फंड को अतार्किक और बढ़े हुए जनरल सेल्स एजेंट (जीएसए) कमीशन की आड़ में, विभिन्न पेशेवरों और सलाहकारों को भुगतान, जेटलाइट लिमिटेड को ऋण देकर व्यवस्थित रूप से स्थानांतरित किया था।
इस मामले में, ED ने खुलासा किया है कि नरेश गोयल ने जीएसए कमीशन का भुगतान जेट एयर प्राइवेट लिमिटेड को गलत तरीके से किया और उन्होंने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड (JIL) को गलत तरीके से भुगतान किया। इससे नरेश गोयल ने विशेष लाभ उठाया और प्राप्त धन का उपयोग अपने निजी खर्चों और निवेशों के लिए किया गया।
नरेश गोयल को पहले ही 538 करोड़ रुपये के केनरा बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है और अब ED की नई जब्ती ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है।