प्रकाश की मौत से परिवार का बुरा हाल है। वे अपने परिवार का एकलौता आशा थे, जो अपने घर में कमाई करते थे। एक दोस्त के सुझाव पर 6 फरवरी को हल्द्वानी में नौकरी की तलाश में गए थे।
बिहार के भोजपुर जिले से नौकरी की तलाश में उत्तराखंड के हल्द्वानी गए युवक प्रकाश को गोली लगने से मौत हो गई। हल्द्वानी हिंसा के बाद, प्रकाश का शव बनभूलपुरा रेलवे स्टेशन के पास मिला। हालांकि, अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि प्रकाश की मौत उपद्रवियों द्वारा चलाई गई गोली से हुई है या पुलिस फायरिंग में। मृतक के परिवार ने केंद्र और उत्तराखंड सरकार से हत्या की जांच कराने की मांग की है।
बिहार के छीने गांव में निवास करने वाले 24 वर्षीय प्रकाश की मौत की पहचान की गई है। प्रकाश का परिवार बहुत ही आपत्तिजनक और दुखी है। उन्हें उम्मीद थी कि प्रकाश नौकरी करके अपने परिवार का सहारा बनाएगा, लेकिन अब उनका सपना टूट गया है।
प्रकाश की बहन दीप्ति ने बताया कि किसी दोस्त ने उन्हें बताया कि नैनीताल में नौकरी मिल जाएगी, और उसके लिए प्रकाश ने नैनीताल की ओर रवाना हो गए थे। उन्होंने आखिरी बार 8 फरवरी को अपने छोटे भाई आकाश से बात की थी, और फिर उसके बाद उनका फोन बंद हो गया।
पुलिस ने दीप्ति को बताया कि 10 फरवरी को दोपहर में हल्द्वानी पुलिस ने उन्हें फोन करके बताया कि प्रकाश को गोली लगी है, और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रकाश के कुछ रिश्तेदार दिल्ली से नैनीताल पहुंचे, और वहां पता चला कि प्रकाश की मौत हो गई है। उनका शव सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज नैनीताल में रखा गया है।
प्रकाश के सिर के पीछे गोली लगने के निशान हैं। मृतक के परिवार ने कहा है कि उनका भाई किसी आतंकवादी नहीं था, और उन्हें गोली मार दी गई है। उन्हें आशा है कि उनके परिवार को न्याय मिलेगा, और उन्होंने BJP सरकार से मदद की अपील की है।
प्रकाश के पिता श्याम देव सिंह ने बताया कि प्रकाश घर का एकलौता कमाने वाला था। उन्होंने बीए की पढ़ाई पूरी की और फिर घर का खर्च चलाने के लिए नौकरी की तलाश में नैनीताल गए थे। उनका परिवार अब काफी मजबूर है।