तेजस्वी यादव ने हाल ही में बिहार के मुंगेर में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर तीखे टिप्पणियाँ की हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने जितनी नौकरियां 17 साल में नहीं दी, उससे भी अधिक नौकरियां 17 महीनों में दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की गारंटी पर भी चुनावी कटाक्ष किया, कहा कि उनकी गारंटी चाइनीज है, जो केवल चुनाव तक ही है और उसके बाद समाप्त हो जाएगी।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि देश में बेरोजगारी चरम पर है और 10 साल में गरीबी हटा नहीं पाई 5 किलो अनाज से क्या गरीबी हटेगी। उन्होंने इससे जुड़े गरीबी और भूखमरी के मुद्दों पर भी चर्चा की।

तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में सरकार के प्रदान किए गए वादों को भी संदीग्धता के साथ देखा। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है और आम जनता को धोखा दिया है।
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के नेता मुकेश सहनी भी इसी सभा में शामिल थे और उन्होंने भी सरकार को लेकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों और पिछड़ों की नहीं, बल्कि अमीरों की सरकार है।
तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी के इस भाषण से स्पष्ट होता है कि उनका लक्ष्य चुनावी मैदान में अपनी पार्टी को मजबूत करने के साथ-साथ विपक्षी दल के खिलाफ जनता को जागरूक करना भी है। उनके बयानों से सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान दिया जा रहा है और इससे सार्वजनिक चर्चा में भी एक नई ऊर्जा आ रही है।

तेजस्वी यादव के विरोधी दलों के खिलाफ टिप्पणियों के साथ-साथ उन्होंने अपनी बड़ी बहन मीसा भारती की एक विवादित टिप्पणी को लेकर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे मुद्दों पर बात करना पसंद करेंगे, न कि व्यक्तिगत टिप्पणियों पर।
इस घटना से साफ होता है कि चुनावी दंगल की तैयारियों में अब गर्मी बढ़ गई है और विपक्षी दल भी अपने राजनीतिक वादों को जनता के सामने प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं। इससे चुनावी प्रक्रिया में नई जोरदार मुकाबला देखने की संभावना है।