नई दिल्लीः नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुजरात के चार जिलों समेत सात जगहों पर छापेमारी की है। इस छापेमारी में एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी भी की गई है, जिससे इस मामले में और भी नए खुलासे होने की संभावना है।
छापेमारी की विस्तृत जानकारी
CBI ने गोधरा, खेड़ा, आनंद और अहमदाबाद समेत सात जगहों पर आज सुबह से ही छापेमारी शुरू की। यह छापेमारी नीट पेपर लीक से जुड़े लोगों के ठिकानों पर की जा रही है। इस छापेमारी के दौरान CBI ने विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज और अन्य साक्ष्य जब्त किए हैं जो कि इस मामले में अहम साबित हो सकते हैं।
जमालुद्दीन की गिरफ्तारी
CBI ने हजारीबाग से पत्रकार जमालुद्दीन को भी गिरफ्तार किया है। जमालुद्दीन पर आरोप है कि उसने प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को इस पेपर लीक में असिस्ट किया था। सूत्रों के मुताबिक, जमालुद्दीन लगातार फोन के जरिए प्रिंसिपल के संपर्क में था। कॉल डिटेल्स और पूछताछ में CBI को पता चला कि पेपर लीक में वह प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की मदद कर रहा था।
स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की गिरफ्तारी
इससे पहले CBI ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में शुक्रवार को झारखंड के हजारीबाग स्थित एक स्कूल के प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों के अनुसार, ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य एहसानुल हक को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी के लिए हजारीबाग का नगर समन्वयक बनाया गया था। वहीं, उप-प्रधानाचार्य इम्तियाज आलम को NTA का पर्यवेक्षक और ओएसिस स्कूल का केंद्र समन्वयक नियुक्त किया गया था।
अन्य लोगों से पूछताछ
CBI पेपर लीक मामले के सिलसिले में जिले के पांच और लोगों से भी पूछताछ कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि इन सभी लोगों से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं, जिनसे इस मामले की गहराई और बढ़ गई है।
5 मई को हुई थी परीक्षा
CBI ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) पेपर लीक मामले में छह प्राथमिकी दर्ज की हैं। NTA ने देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन किया था। इस साल पांच मई को कुल 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में 23 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
पेपर लीक का प्रभाव
नीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में पेपर लीक की घटना ने न केवल परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि लाखों परीक्षार्थियों के भविष्य पर भी संकट डाल दिया है। इस घटना से छात्रों और उनके अभिभावकों में भारी निराशा और असंतोष फैला हुआ है।
सरकार और एजेंसियों की जिम्मेदारी
इस घटना के बाद सरकार और संबंधित एजेंसियों पर यह जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वे परीक्षा प्रणाली को और भी मजबूत और पारदर्शी बनाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
नीट पेपर लीक मामले में CBI की छापेमारी और गिरफ्तारियों ने इस मामले में कई नए खुलासे किए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस पेपर लीक में कई लोगों की मिलीभगत थी। अब यह देखना होगा कि CBI की जांच में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और इस मामले में न्याय कब तक और कैसे सुनिश्चित हो पाता है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा और पारदर्शिता को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके और वे अपने मेहनत और प्रतिभा के दम पर ही सफलता प्राप्त कर सकें।