बिहार के नीट (NEET) पेपर लीक मामले में हो रहे खुलासे से राज्य की राजनीति में खलबली मची हुई है। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने इस मामले में एनएचएआई (NHAI) गेस्ट हाउस में कमरे बुक कराने को लेकर बड़ा दावा किया है, जिसमें तेजस्वी यादव के आप्त सचिव प्रीतम कुमार का नाम सामने आया है। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब विजय सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का खुलासा किया कि 1 मई और 4 मई को प्रीतम कुमार के फोन से पथ निर्माण विभाग के कर्मचारी प्रदीप कुमार को सिकंदर यादवेंदु के लिए कमरा बुक कराने के निर्देश दिए गए थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुए खुलासे
विजय सिन्हा ने अपने दावे में कहा कि 1 मई को रात 9 बजकर 7 मिनट पर प्रीतम कुमार ने प्रदीप कुमार को फोन करके एनएचएआई गेस्ट हाउस में सिकंदर यादवेंदु के लिए कमरा बुक करने को कहा था। फिर, 4 मई को सुबह 8 बजकर 49 मिनट पर फिर से प्रीतम कुमार के फोन से प्रदीप कुमार को वही निर्देश दिए गए।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि नीट पेपर लीक मामले में गेस्ट हाउस के कमरों का बुकिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सवाल उठता है कि आखिरकार किसके कहने पर यह कमरे बुक कराए गए और किस मकसद से।
तीन अधिकारियों का निलंबन
इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें प्रदीप कुमार, धर्मेंद्र कुमार धर्मकांत (जेई), और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर उमेश राय शामिल हैं। इन्हें बिना आवंटन के लोगों को ठहराने, तथ्य को छुपाने और विभाग को बरगलाने के आरोप में निलंबित किया गया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि नीट पेपर लीक मामले में उच्च स्तर पर अनियमितताएं हुई हैं।
सिकंदर यादवेंदु की भूमिका
सिकंदर यादवेंदु, जो कि कनीय अभियंता हैं, ने अपनी पूछताछ में बताया कि उसने अपने रिश्तेदार अनुराग यादव और उसकी मां के लिए गेस्ट हाउस बुक कराया था। रजिस्टर में अनुराग यादव के नाम के आगे ‘मंत्री जी’ लिखा हुआ मिला, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस बुकिंग में किसी उच्च अधिकारी या नेता का हाथ हो सकता है।
विजय सिन्हा के आरोप और राजनीति
विजय सिन्हा ने अपने दावे में तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार का नाम लिया है, जिससे इस मामले में राजनीतिक रंग भी जुड़ गया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि तेजस्वी यादव के पीएस के कहने पर ही गेस्ट हाउस में आरोपियों के लिए कमरा बुक कराया गया। इससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया है और इसमें राजनीतिक साजिश की संभावना को बल मिलता है।
बिहार की राजनीति में असर
यह मामला बिहार की राजनीति में बड़े स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है और इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। डिप्टी सीएम के इस दावे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और यह सवाल उठने लगा है कि नीट पेपर लीक मामले में कौन-कौन से नेता और अधिकारी शामिल हो सकते हैं।
नीट पेपर लीक मामले में एनएचएआई गेस्ट हाउस में कमरों की बुकिंग और इसमें शामिल लोगों की भूमिका की जांच चल रही है। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के दावे के बाद यह मामला और गंभीर हो गया है और इसके राजनीतिक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।
जांच के निष्कर्ष आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इस मामले में कौन-कौन से लोग दोषी हैं और किसके कहने पर यह अनियमितताएं हुईं। इस मामले में सख्त कार्रवाई और दोषियों को सजा मिलने से ही यह संभव हो पाएगा कि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।