नेपाल में शुक्रवार रात आए एक और भूकंप ने दर्दनाक तबाही मचा दी है, जिसमें कई इमारतें गिरीं 128 लोगों की मौत हो गई है, और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। नेपाल के प्रमुख नगर काठमांडू से कुछ किलोमीटर दूर जाजरकोट जिले में हुई इस भूकंप की तीव्रता 6.4 रिक्टर स्केल पर मापी गई है।

इस त्रासदी में जाजरकोट जिले में 36 और रुकुम पश्चिम में 34 लोगों की मौत हो गई है, और अधिकारियों का कहना है कि मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि अभी भी कई लोगों को इमारतों के मलबे में फंसे होने की संभावना है। रेस्क्यू अभियान जारी है ताकि फंसे लोगों को त्वरित बचाव मिल सके। नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने इस दुखद घटना पर दुख व्यक्त करते हुए सुरक्षा अधिकारियों को त्वरित राहत और बचाव कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र जाजरकोट में था, जो काठमांडू से 500 किमी दूर है। भूकंप के झटके नेपाल के अलावा भारत में भी महसूस हुए, और लोग अपने घरों से बाहर निकलकर एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं में तीव्रता और ताजगी से सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है ताकि जीवन और संपत्ति को सुरक्षित रखा जा सके। नेपाल में पिछले वर्षों में भूकंपों की चढ़ाई बढ़ रही है, और इस तरह की स्थितियों में तत्परता से बचाव और सहायता का आदान-प्रदान अच्छे से होना चाहिए। हम सभी इस कठिन समय में नेपाल के लोगों के साथ हैं और उन्हें सुरक्षित रहने की कामना करते हैं।

बता दें कि हाल के दिनों में नेपाल में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. अक्टूबर में नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए. वर्ष 2015 में आए भूकंप से नेपाल में भारी तबाही हुई थी. 25 अप्रैल 2015 को 7.8 तीव्रता का नेपाल में भूकंप आया था. जिसमें 8857 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे.